नई दिल्ली: 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र (Monsoon Session) अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. इसी के साथ मॉनसून सत्र निर्धारित समय से दो दिन पहले ही खत्म हो गया. राज्य सभा में बुधवार को संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 के पास होने के बाद हंगामा होने लगा. इसके बाद सदन में हाथापाई की घटना होने की भी खबर है. जबकि कांग्रेस ने महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया है.


यहां से शुरू हुआ हंगामा


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दरअसल OBC बिल पास होने के बाद Insurance Bill पर चर्चा शुरू हुई, जिसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया. विपक्ष ने कहा कि आपने सिर्फ OBC बिल के लिए कहा था इस दौरान चेयर की तरफ कागज फेंके गए. जिसके बाद मार्शल को बुलाया गया. विपक्ष का आरोप है कि कई सांसदों को चोटें भी आई हैं. सरकार की तरफ से पीयूष गोयल ने कहा कि असंसदीय व्यवहार रहा है, सेक्रेटरी जनरल और स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की की गई. चांज के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


युद्ध जैसा माहौल: खड़गे


हंगामे के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, आज सदन में सरकार का बर्ताव ठीक नहीं था. सदन में हमारे खिलाफ मार्शल का इस्तेमाल किया गया. महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किया गया. ऐसा लग रहा था जैसे युद्ध होने वाला है इसलिए हमने सदन की कार्यवाही में शामिल ना रहने का निर्णय लिया और वॉकआउट किया. 


शरद पवार का बड़ा आरोप


एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा, मैंने 55 साल की संसदीय राजनीति में आज तक ऐसा कभी नहीं देखा. 40 से 50 मार्शल बुलाकर सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. जबकि संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, विपक्ष के नेताओं ने मार्शल के साथ दुर्व्यवहार किया.


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संसद की मर्यादा तार-तार 


वहीं केंद्रीय मंक्षी मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, आज संविधान संशोधन पर सकारात्मक चर्चा हुई. इसके बाद जिस तरह का दृश्य संसद में दिखा वह संसद की मर्यादा को तार-तार करने वाला था. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, जब व्यक्ति दिवालिया हो जाता है तो ऐसी ही हरकतें करता है. 


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