Trending Photos
नई दिल्ली: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) की अपनी सूची बनाने का अधिकार प्रदान करने वाले एक संविधान संशोधन विधेयक (Constitution Amendment Bill) को संसद की मंजूरी मिल गई है. आरक्षण की 50% सीमा को समाप्त करने की तमाम दलों की मांग के बीच सरकार ने राज्य सभा में माना कि 30 साल पुरानी आरक्षण संबंधी सीमा के बारे में विचार किया जाना चाहिए.
राज्यसभा ने संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 पारित किया। विधेयक को कल लोकसभा ने पारित किया था। https://t.co/pvYIaqberv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2021
राज्य सभा (Rajya Sabha) में आज करीब छह घंटे की चर्चा के बाद ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक (Constitution 127th Amendment Bill 2021) को 187 मतों से पारित कर दिया गया. जबकि विरोध में 1 भी वोट नहीं पड़ा. सदन में इस विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधनों को खारिज कर दिया गया. यह विधेयक लोक सभा में मंगलवार को पारित हो चुका था.
यह भी पढ़ें: UP सरकार का बड़ा फैसला, Lockdown में राहत; अब सिर्फ 1 दिन रहेगा कोरोना कर्फ्यू
इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार के सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध होने की बात कही और यह भी कहा कि 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा 30 साल पहले लगाई गई थी और इस पर विचार होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने जाति आधारित जनगणना की सदस्यों की मांग पर कहा कि 2011 की जनगणना में संबंधित सर्वेक्षण कराया गया था लेकिन वह अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) पर केंद्रित नहीं था.
मंत्री ने कहा कि सदन में इस संविधान संशोधन के पक्ष में सभी दलों के सांसदों से मिला समर्थन स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि पूरे सदन ने इसका एकमत से स्वागत किया. उन्होंने कहा कि हमारे दल अलग हो सकते हैं, विचारधारा अलग हो सकती है, प्रतिबद्धता भी अलग हो सकती है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में सरकार ने जिस तरह से कदम उठाए हैं, उससे हमारी प्रतिबद्धता झलकती है.
LIVE TV