बेंगलुरु: शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर का मॉडल, मंदिर बनने का समय, अनुमानित लागत और भूमि पूजन पर फैसला लिया गया. इसके साथ ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी धन संग्रह अभियान चलाने का फैसला किया है. स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक के बाद एक वीडियो संदेश जारी करके ये जानकारी दी.


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उनके मुताबिक मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपये है जबकि मंदिर परिसर के इर्दगिर्द 20 एकड़ की भूमि के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.


बता दें कि राम मंदिर की ऊंचाई और आकार में बदलाव का निर्णय लिया गया है. राम मंदिर का निर्माण जिस दिन से शुरू होगा, उस दिन से करीब 3 या साढ़े तीन साल का वक्त लगेगा. इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए समाज से धन संग्रह किया जाएगा.


राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल 128 फीट ऊंचा है, जिसे बढ़ाकर 161 फीट ऊंचा करने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा गर्भगृह के आसपास अब 5 गुंबद बनाए जाएंगे जबकि पहले तीन गुंबद बनने थे.


राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम मंदिर प्रारूप के भू-तल वाले हिस्सों के पत्थरों की तराशी पूरी हो चुकी है. राम मंदिर के भू-तल में सिंहद्वार, गर्भगृह, नृत्यद्वार, रंगमंडप बनेगा. वहीं प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्तियों को स्थान दिया जाएगा. यही नहीं प्रस्तावित राम मंदिर के मॉडल के मुताबिक मंदिर में 24 दरवाजों का चौखट होगा, जो कि संगमरमर के पत्थरों से बनाया जाएगा. इन संगमरमर के पत्थरों पर राजस्थान के मकराना में काम चल रहा है.


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उन्होंने बताया कि प्रस्तावित राम मंदिर की लंबाई 268 फीट, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई-128 फीट तय की गई है. इसके अलावा मंदिर में 212 खंभे होंगे. जिसमें से पहली मंजिल में 106 खंभे और दूसरी मंजिल में 106 खंभे बनाए जाएंगे. प्रत्येक खंभे में 16 मूर्तियां होंगी और मंदिर में दो चबूतरे भी होंगे. 


जानकारी के मुताबिक राम मंदिर के प्रांगण में रामकथा कुंज 45 एकड़ में बनेगा. यहां 125 मूर्तियां भगवान राम के जीवन काल की बनाई जाएंगी. जन्म काल से लेकर लंका विजय और राजगद्दी तक की मूर्तियों का लगाया जाएगा. इसके अलावा मंदिर परिसर में धर्मशाला और गौशाला भी बनेगी.