उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कुछ लोग प्रतिमा को हथौड़े से तोड़ते नजर आ रहे थे.
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पेशावर: पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता का एक और मामला सामने आया है. खैबर पख्तूनख्वा में मिली गौतम बुद्ध की एक प्राचीन प्रतिमा को तोड़ दिया गया. महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) की एक दुर्लभ प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार को इसकी गिरफ्तारी की है.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि मर्दान जिले के तख्तबई तहसील में एक खेत में खुदाई के दौरान मिली. खुदाई के दौरान गांधार सभ्यता का ये प्राचीन अवशेष मिला था लेकिन मूर्ति को गैर इस्लामिक बताकर तोड़ दिया गया. इस वीडियो में मूर्ति को तोड़ते हुए देखा जा सकता है. ये प्राचीन मूर्ति मर्दन जिले के तख्त भाई इलाके में एक घर के निर्माण के दौरान मिली जिसे स्थानीय मौलवी के गैर इस्लामी बताने पर निर्माण में लगे लोगों ने हथौड़ों से तोड़ दिया.
आपको याद दिला दें कि इमरान खान खैबर पख्तूनख्वा के ही रहने वाले हैं और सरकारी उपेक्षा की वजह से पुरातात्विक स्थलों पर लोग निर्माण का काम कर रहे हैं जिस वजह से ऐसे ऐतिहासिक धरोहरों के नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है. सूत्रों के मुताबिक जिस इलाके में इस घर के निर्माण का काम चल रहा था वो प्राचीन गांधार सभ्यता का हिस्सा है. ईसा के 200 साल पहले इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म बहुत लोकप्रिय था. माना जा रहा है कि ये मूर्ति भी उसी समय के आसपास की थी.
During digging, a giant statue of Buddha was discovered in Takhtbhai, Mardaan, KPK, Pakistan.
Molbi came and said that break it. If you do not, you will burn in hell.
Therefore people found short cut to heavens. Breaking heritage, ashamed of origin. Society of such hypocrites. pic.twitter.com/lPk4ts9kK2— Arif Aajakia (@arifaajakia) July 18, 2020
खैबर पख्तूनख्वा अफगानिस्तान सीमा पर स्थित है. इस क्षेत्र का इतिहास 2000 साल पुराना है. सातवीं सदी ईसापूर्व में यह गांधार के नाम से जाना जाता था. ईसा के 200 साल पहले बौद्ध धर्म यहाँ बहुत लोकप्रिय हुआ. मौर्यों के पतन के बाद इस इलाके को कुषाणों ने अपनी राजधानी बनाया. 11वीं सदी में इस इलाके में पहली बार इस्लाम पहुंचा था. पिछले महीने भी गिलगित-बाल्टिस्तान में बौद्ध स्मारक पर तोड़फोड़ किए जाने की खबर सामने आई थी. इस पूरी घटना पर भारत ने पाकिस्तान के सामने ऐतराज जताया था.
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उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कुछ लोग प्रतिमा को हथौड़े से तोड़ते नजर आ रहे थे. खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग के निदेशक अब्दुल समद खान ने इस घटना पर दुख जताया है और दोषियों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. आपको बताते चलें कि इस प्रांत का पुराना नाम गंधार है और यह बौद्ध धर्म से जुड़ा एक प्रमुख स्थल रहा है. प्राचीन काल में बनी गंधार शैली में बुद्ध की कई प्रतिमाएं खुदाई में प्राप्त हुई हैं.