Ramdas Soren News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट में चंपई सोरेन की खाली जगह भर ली. उन्होंने चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से पहले ही उनकी 'काट' ढूंढ ली और नया कोल्हान टाइगर बनाने की तैयारी तेज कर दी है. दरअसल, घाटशिला से विधायक रामदास सोरेन शुक्रवार को हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए. राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.


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रामदास सोरेन को दिया जा सकता है चंपई सोरेन का विभाग


रामदास सोरेन के शपथ ग्रहण के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन सहित उनके कैबिनेट के कई अन्य मंत्री मौजूद रहे. 61 वर्षीय रामदास सोरेन घाटशिला विधानसभा सीट से जेएमएम के विधायक हैं. 28 अगस्त को चंपई सोरेन के मंत्री पद से इस्तीफे की वजह से कैबिनेट में मंत्रीपद की एक सीट खाली हुई थी. चंपई सोरेन उच्च शिक्षा एवं तकनीकी और जल संसाधन विभाग में मंत्री थे. संभावना जताई जा रही है कि रामदास सोरेन को इन दोनों विभाग का ही कार्यभार दिया जाएगा.



'डैमेज कंट्रोल' की कवायद के तौर पर हेमंत सोरेन का फैसला


माना जा रहा है कि चंपई सोरेन के जेएमएम को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने से राज्य के कोल्हान इलाके में सियासी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं. झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी राजनीतिक हालत में चंपई सोरेन की जगह रामदास सोरेन को मंत्री बनाए जाने के फैसले को सियासी 'डैमेज कंट्रोल' की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.


क्या JMM में चंपई सोरेन की जगह ले पाएंगे रामदास सोरेन ?


रामदास सोरेन भी चंपई सोरेन की तरह संथाल आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं और उनकी राजनीति भी कोल्हान प्रमंडल में केंद्रित रही है. रामदास सोरेन ने 2009 और 2019 में विधानसभा चुनाव में घाटशिला सीट से जीत हासिल की थी. फिलहाल वह झामुमो की पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई के अध्यक्ष भी हैं.  जेएमएम के संस्थापक शिबू सोरेन और चंपई सोरेन के साथ ही रामदास सोरेन भी झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका में शामिल रहे हैं. आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भेजा गया था.


हेमंत सोरेन के जेल जाने और जमानत पर लौटने के बीच बदलाव


इससे पहले झारखंड में बदले सियासी घटनाक्रम में 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बनाए गए थे. करीब पांच महीने बाद जब हेमंत सोरेन जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए तो उसके छठे दिन 4 जुलाई को ही चंपई सोरेन से इस्तीफा ले लिया गया था. हेमंत सोरेन ने फिर से सीएम पद की शपथ ली थी. इसके बाद हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री के रूप में शामिल हुए चंपई सोरेन लगातार नाराज चल रहे थे. 


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चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया पोस्ट में जाहिर की थी अपनी व्यथा


चंपई सोरेन ने 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपनी व्यथा जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि उनका अपमान किया गया और गलत तरीके से सीएम पद से इस्तीफा ले लिया गया. इसके बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के साथ दिल्ली आकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बीजेपी में शामिल होने का फैसला कर लिया. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने आदिवासी मुद्दों पर संघर्ष जारी रखने की बात कही है. 


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