Ratio Of Boys And Girls Improved: जन्म दर रजिस्टर के आधार पर सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसमें लड़का और लड़की का रेशियो सुधरा है. जन्म रजिस्ट्री (Birth Registry) बढ़ी है लेकिन सुधार की गुंजाइश अभी भी बहुत है. जहां कुछ राज्य लड़का-लड़की अनुपात के मामलों में सुधरे हैं वहीं कई राज्यों में अभी भी सेक्स रेशियो (Sex Ratio) का हाल खराब है. 


किस आधार पर जारी किए गए आंकड़े?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये आंकड़े 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश से मिले डेटा के आधार पर जारी किए गए हैं. 74% डिलीवरी नर्सिंग होम या अस्पताल (Hospital) में हो रही है. 2020 में 2.42 करोड़ जन्म दर्ज हुए थे जबकि 2019 में 2.48 बच्चों के जन्म का रजिस्ट्रेशन (Birth Registration) हुआ था. जन्म रजिस्ट्री के हिसाब से 52% लड़के (मेल) और 48% लड़की (फीमेल) रजिस्टर हुई यानी भारत में जन्म दर काबू में आने का संकेत मिल रहा है.


ये भी पढें: घर में चीटियों के आने से हैं परेशान? इस ट्रिक का करें यूज, नहीं करेगी निराश


क्या कहता है आंकड़ा?


आंकड़ों के मुताबिक कुल 73.7% बर्थ (Birth) रजिस्टर्ड हैं. 21 दिनों के निर्धारित समय के अंदर जन्मों के रजिस्ट्रेशन के मामले में, 15 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश में गुजरात (Gujarat), पुडुचेरी, तमिलनाडु, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, मिजोरम, डी एंड एन हवेली और दमन और दीव, पंजाब (Punjab), हरियाणा, ए और एन द्वीप समूह, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गोवा, पश्चिम बंगाल (West Bengal) और आंध्र प्रदेश ने कुल जन्म का 90% से ज्यादा बर्थ रजिस्ट्रेशन हासिल किया है.


ये भी पढें: गर्मी के सीजन में बजट के हिसाब से खरीदें बेहतरीन रेफ्रिजरेटर, ये रहे बेस्ट ऑप्शन


किस राज्य का कैसा रहा प्रदर्शन?


छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने 80% से कम बर्थ रजिस्ट्रेशन हासिल किया है. इसके अलावा 9 राज्यों यानी त्रिपुरा, राजस्थान, केरल, तेलंगाना, बिहार (Bihar), कर्नाटक, मेघालय, झारखंड और जम्मू-कश्मीर 50% से ज्यादा या उससे कम की श्रेणी में हैं. 7 राज्य यानी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), मणिपुर, उत्तराखंड (Uttarakhand), लद्दाख, असम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड 50% से कम या उसके बराबर की श्रेणी में हैं.


LIVE TV