RSS strike Modi Government: लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद आरएसएस (RSS) की ओर से लगातार बीजेपी (BJP) को नसीहत देने का सिलसिला जारी है. सबसे पहले संघ के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बीजेपी को आईना दिखाते हुए देश की हकीकत से रूबरू कराया था. इसके बाद संघ के मुखपत्र पाञ्चजन्य (Panchjanya) में एक लंबाचौड़ा आलेख छपा. उसके बाद बीजेपी के साथ सत्ता का सुख भोग रही शिवसेना के सुप्रीमो एकनाथ शिंदे ने कहा कि 400 पार वाले नारे के वजह से न सिर्फ बीजेपी बहुमत के आंकड़े से चूकी बल्कि हमें भी उसका नुकसान उठाना पड़ा. अब आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने बीजेपी और मोदी पर निशाना साधा है. 


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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता इंद्रेश कुमार जो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख हैं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई, ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गयी, लेकिन जो उसे सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक कि सभी को मिलाकर दूसरे नंबर पर खड़ा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि भगवान का न्याय बडा सत्य है, बड़ा आनंददायक है.



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'जिन्होंने राम की भक्ति की वो धीरे-धीरे अहंकारी हो गए'


उन्होंने स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ BJP और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों पर निशाना साधा. हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. कुमार ने कहा, 'लोकतंत्र में रामराज्य का ‘विधान’ देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वह पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान ने अहंकार के कारण रोक दिया.’


उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी, उन सबको मिलकर भगवान ने 234 पर रोक दिया.


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‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’


कुमार जयपुर के पास कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘जिसने लोगों पर अत्याचार किया, राम जी ने उससे कहा कि पांच साल आराम करो, अगली बार देखेंगे कि तुम्हारे साथ क्या करना है.’


उन्होंने कहा कि राम ने सबको न्याय दिया, देते हैं और देते रहेंगे, राम हमेशा न्यायप्रिय थे और रहेंगे. कुमार ने यह भी कहा कि राम ने लोगों की रक्षा की और साथ ही रावण का भला भी किया (यहां तक कि उसे मारकर भी). उन्होंने कहा कि भगवान हनुमान ने कहा था कि ‘राम से बड़ा राम का नाम’ (राम का नाम उनसे भी बड़ा है).


RSS नेता ने कहा कि राम हर 100 साल में अपने राज्य में अश्वमेध यज्ञ करते थे, ताकि उनके राज्य में कोई भूखा न रहे, कोई वंचित न रहे, कोई शिक्षा के बिना न रहे, कोई दुखी न रहे. उन्होंने कहा कि राम का जितना बड़ा राज्य था, आज तक किसी का नहीं हुआ. कुमार का यह बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक सच्चे 'सेवक' में अहंकार नहीं होता और वह 'गरिमा' बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है.


इंद्रेश कुमार के बयान पर सतेंद्र दास का पलटवार


राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, 'BJP को अंहकार नही हुआ है. मुसलमान ने भाजपा को वोट नही दिया. इंद्रेश जी अपने असफल होने का आरोप बीजेपी पर लगा रहे हैं. वो हिंदू-मुसलमान को जोडने का प्रयास कर रहे हैं. मगर वो उसमे विफल रहे. RSS के विचारको ने इंद्रेश जी का सहयोग नही किया. इंद्रेश अपनी असफलता का आरोप बीजेपी पर लगा रहे हैं. वो गलत बोल रहे हैं. ये वास्विकता नही है. वो हिंदु मुसलमाना मे एकता करना चाहते थे. वो उसमे विफल रहे हैं. और उसी का आरोप वो बीजेपी पर लगा रहे है.'


शिवसेना (उद्धव गुट) का संघ पर निशाना


गुरुवार को संजय राउत ने संघ प्रमुख के बयान के हवाले से कहा था कि आरएसएस जो बातें अब कह रहा है उसे कुछ साल पहले कहनी चाहिए थीं. अजित पवार की पत्नी को राज्यसभा में भेजने के घटनाक्रम को भी राउत ने उसी से जोड़ा था.


यह मां और बच्चे के बीच की लड़ाई: संजय सिंह


AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी RSS प्रमुख के बयानों पर रिएक्शन देते हुए कहा है कि अगर RSS बदलाव ला सकता है तो उसे फौरन कदम उठाने चाहिए, हाल में (BJP अध्यक्ष) जे पी नड्डा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय की BJP को आरएसएस के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी की BJP को इसकी जरूरत नहीं है. मुझे लगता है कि यह मां और बच्चे के बीच की लड़ाई का नतीजा है, क्योंकि नड्डा ने आरएसएस के खिलाफ खुलकर बोला है और आरएसएस भी BJP के खिलाफ खुलकर बोल रहा है.’


संघ और बीजेपी में चौड़ी होने लगी खाई?


2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का परफार्मेंस खराब होने की यूं को कई वजहें बताई जा रही हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों का मानना है कि बीजेपी के बहुमत के आंकड़े तक न पहुंचने की सबसे बड़ी वजह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का वो बयान भी हो सकता है कि बीजेपी को अब आरएसएस के सहारे की जरूरत नहीं है. संघ के संस्कार और काम करने का तरीका कुछ अलग हटकर है. संघ प्रमुख के पद पर कोई भी रहा हो उनके फैसले और बयान बेहद विवेकशील होते हैं. संघ में कभी आवेश में आकर त्वरित प्रकिया देने की परंपरा नहीं रही है. संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के ताजा बयान के बाद यह संदेह और पुख्ता हो गया है कि भाजपा की इस हालत के पीछे की असल वजह क्या है?


क्या बोले थे संघ प्रमुख?


नागपुर में RSS के कार्यकर्ता विकास वर्ग कार्यक्रम का 10 जून को समापन दिवस था. वहां पर उन्होंने कहा था- 'जो अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मर्यादा की सीमाओं का पालन करता है, अपने काम पर गर्व करता है, अहंकार से रहित होता है, ऐसा व्यक्ति ही वास्तव में सेवक कहलाने का हकदार है. काम करें, लेकिन मैंने किया ये अहंकार न पालें. जब चुनाव होता है तो मुकाबला जरूरी होता है. इस दौरान दूसरों को पीछे धकेलना भी होता है, लेकिन इसकी एक सीमा होती है. यह मुकाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए. मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है. बीते 10 साल से राज्य में शांति थी, लेकिन अचानक से वहां गन कल्चर बढ़ गया. जरूरी है कि इस समस्या को प्राथमिकता से सुलझाया जाए.'