नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शीर्ष निर्णायक समिति की वार्षिक बैठक से पहले इसकी महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति (Women's Branch Rashtra Sevika Samiti) ने रविवार को कहा कि लड़कियों को उचित शिक्षा लेने के बाद ही शादी (Marriage) करनी चाहिए. लेकिन विवाह की उम्र (Age) थोपने से वांछित नतीजे (Desired Results) शायद नहीं मिल पाएंगे.


स्मृति ईरानी ने किया था विधेयक पेश 


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संघ की प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 11 मार्च से शुरू होगी जहां महिलाओं की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) के दौरान केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister for Women and Child Development Smriti Irani) ने महिलाओं की शादी की उम्र पुरुषों की भांति ही 18 से 21 करने के प्रस्ताव संबंधी एक विधेयक (Bill) पेश किया था. लेकिन लोक सभा (Lok Sabha) ने यह विधेयक बाद में व्यापक चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया.


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लड़कों और लड़कियों को मिलेंगे समान अवसर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनकी सरकार ने इस प्रस्तावित कानून को समाज में लड़कों और लड़कियों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम बताया है. यह रेखांकित करते हुए कि राष्ट्र सेविका समिति ‘बाल विवाह’ (Child Marriage) की मुखर विरोधी है, इसकी प्रचार प्रमुख सुनीला सोहवानी ने कहा, ‘लड़कियों को उचित पालन-पोषण और शिक्षार्जन (Learning) के बाद शादी करनी चाहिए ताकि वे एक काबिल इंसान बन सकें.’


लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर सोहवानी का बयान


उनसे जब शादी की उम्र बढ़ाने संबंधी सरकार के विधेयक (Government Bill) के बारे में पूछा गया तो सोहवानी ने कहा कि समिति ने समाज की राय जुटाई है और कुछ इसके पक्ष में हैं तो कुछ इसके विरोध में भी हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हमारे द्वारा अपने कार्यकर्ताओं और समाज (Workers and Society) से जुटाई गई राय के अनुसार लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के संबंध में दोनों प्रकार के विचार हैं.’


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सरकार कर रही व्यापक विचार-विमर्श 


सोहवानी ने कहा, ‘यह देखा गया है कि महिलाओं की शादी की उम्र जैसे सामाजिक मुद्दों (Social Issues) पर कुछ थोपने से शायद वांछित परिणाम (Desired Results) नहीं मिलेगा. ऐसे मुद्दों से जन-जागरूकता (Public Awareness) और व्यापक विचार-विमर्श के बाद निपटना बेहतर होता है.’ भाजपा नीत केंद्र सरकार (BJP Led Central Government) की पहल के सवाल पर सोहवानी ने इसे उपयुक्त करार दिया और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श कर रही है.


(इनपुट - भाषा)


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