नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात और दुनिया में बढ़ रहे आतंकवाद के खतरों के बारे में एक बार फिर दुनिया को चेताया है. पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम का असर सभी पड़ोसी देशों पर पड़ा है. इसलिए आतंक के खतरों से निपटने के लिए क्षेत्रीय फोकस और सहयोग को बढ़ाने की जरूरत है. 


'अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं'


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शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के वर्चुअल सम्मेलन (SCO Summit 2021) को संबोधित करते हुए पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात पर बोलते हुए कहा कि वहां सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं है और परस्पर बातचीत के हुआ है. इसलिए उसकी स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं.


'महिलाओं और अल्पसंख्यकों को नहीं मिला हक'


उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की सरकार में महिलाओं और अल्पसंख्यकों समेत सभी समाज का प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय नई व्यवस्था की मान्यता पर सोच-विचार कर ही सामूहिकता से फैसला ले. पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस मामले में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करता है. 


'आतंक के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति बनाए SCO' 


उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरता का माहौल बना रहेगा तो इससे आतंकवादी और चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा. इस क्षेत्र के सभी देश आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं. इसलिए उन सभी को मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में न हो पाए. इस तरह की गतिविधियों पर रोक के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनाया जाना चाहिए. इस कोड में आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति शामिल होनी चाहिए. 


'अफगानिस्तान में बढ़ सकती है ड्रग्स की तस्करी'


पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस बात पर चिंता बताई कि अफगानिस्तान में अब ड्रग्स, अवैध हथियार और मानव तस्करी की घटनाएं बढ़ सकती हैं. इलाके में बड़ी तादाद में बड़े और छोटे हथियार रह गए हैं. इससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बना रहेगा, जिसकी लगातार निगरानी करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सूचनाओं की शेयरिंग के लिए SCO मैकेनिज्म बनाकर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. 


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अफगानियों की मदद के लिए भारत तैयार


प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में मानवीय संकट का गंभीर मुद्दा है. साथ ही कोरोना की चुनौती भी है. भारत अपने दोस्त अफगानिस्तान का बहुत पुराना और भरोसेमंद पार्टनर रहा है. भारत ने हर सेक्टर में अफगानिस्तान को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग दिया है. इस संकट के समय भी भारत अपने दोस्त अफगानिस्तान की मदद का इच्छुक है. अफगानी समाज की मदद के लिए होने वाली किसी भी पहल को बढ़ावा देने में भारत अपना सहयोग देता रहेगा. 


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