नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर रेकी के दौरान एक बारूदी सुरंग विस्फोट में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (Special Frontier Force) के एक अधिकारी शहीद हो गए, जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया. सूत्रों के मुताबिक, यह हादसा इलाके में सैनिक परीक्षण के दौरान हुआ. यह घटना पैंगोंग सो झील के दक्षिणी तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच हुई जहां भारत ने चीनी घुसपैठ को नाकाम कर दिया था. उत्तराखंड से स्पेशल फ्रंटियर फोर्स की एक विशेष इकाई को पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने और उन्हें नाकाम करने के लिए तैनात किया गया है. 


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450 चीनी सैनिकों से हुई झड़प
दो दिन पहले, भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर झड़प हुई थी, जहां चीनी करीब 450 सैनिक लेकर आए थे, लेकिन भारतीय सेना ने कहा कि यथास्थिति को बदलने के उनके प्रयास को नाकाम कर दिया गया.


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चीन ने शुरू की थी 'टेबल टॉप' एरिया पर चढ़ाई
सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों ने रस्सियों और अन्य चढ़ाई उपकरणों की मदद से पैंगोंग सो के दक्षिण तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच एक 'टेबल-टॉप' एरिया पर चढ़ना शुरू कर दिया. हल्ला-गुल्ला सुनकर भारतीय सेना सतर्क हो गई और कार्रवाई में जुट गई.


भारतीय सैनिकों की ताकत देख सहमा चीन
इससे पहले, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारतीय सेना को एलएसी के साथ अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने की पीएलए की योजना के बारे में सतर्क किया था. इसके बाद, दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं लेकिन चीजें आगे नहीं बढ़ीं. जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की ताकत देखी, तो झड़पें रुक गईं. 


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अब भी आमने सामने खड़ी हैं दोनों देशों की सेनाएं
एक सूत्र ने कहा कि दोनों देशों की सेनाएं अब भी आमने-सामने खड़ी हैं. सेनाओं को इलाके से पीछे हटाने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय फ्लैग मीटिंग शुरू हुई और यह अब भी चल रही है. भारतीय सेना ने हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी झड़प से इनकार किया है.


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