Sharad Pawar Meets CM Eknath Shinde: महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर में असेंबली के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले वहां की राजनीति तेजी से बदल रही है. अभी तक अजित पवार की एकनाथ शिंदे और बीजेपी गठबंधन सरकार से खटपट की खबरें आ रही थी. अब शरद पवार एक कदम ने भी लोगों के कान खड़े कर दिए हैं. महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और एनसीपी (शरतचंद्र पवार गुट) सुप्रीमो शरद पवार ने सोमवार को सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की. इस मुलाकात को यूं तो महाराष्ट्र के विभिन्न मुद्दों पर आधारित बताया गया लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे राज्य में नए पनपने राजनीतिक समीकरणों का इशारा बता रहे हैं.  


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इन मुद्दों पर हुई चर्चा


सूत्रों के मुताबिक सहयाद्री के राजकीय गेस्ट हाउस में हुई इस मुलाकात में राज्य में दूध के दाम बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और चीनी मिलों के हालात पर चर्चा की गई. इसके साथ ही राज्य में पिछले कई महीनों से चले आ रहे मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पवार और शिंदे में बातचीत हुई. करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में राज्य के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की गई. 


मराठा आरक्षण पर क्या बोले?


बैठक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दोनों नेता चिंतित नजर आए. मराठा आरक्षण के विरोध में ओबीसी जातियों की लामबंदी को देखते हुए दोनों नेताओं ने इस मामले में फूंक- फूंककर कदम आगे बढ़ाने पर जोर दिया. जिससे असेंबली चुनाव से पहले राज्य में किसी तरह का जातीय तनाव न पैदा हो जाए. सीनियर पवार से बातचीत में सीएम शिंदे ने उन्हें मराठा आरक्षण देने के लिए अब तक सरकार की ओर से किए गए उपायों से अवगत करवाया. 


शरद पवार भ्रष्टाचार के सरगना - शरद पवार 


महाराष्ट्र के दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात अमित शाह के महाराष्ट्र बीजेपी कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद हुई. उस रैली में अमित शाह ने शरद वार को भ्रष्टाचार का स्रोत बताकर बड़ा हमला बोला था. शाह ने रैली में कहा कि शरद पवार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे रहे. उन्होंने भ्रष्टाचार को महाराष्ट्र में संस्थागत रूप दे दिया, जिसका खामियाजा आज राज्य की जनता भुगत रही है. उन्होंने उद्धव ठाकरे को औरंगजेब फैन क्लब का मुखिया भी बताया था. 


'हम पर आरोप लगाने वाले खुद के अंदर झांकें'


अमित शाह के सीधे अटैक के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने भी शरद पवार को आइना दिखाते हुए उन्हें अंदर झांकने को कहा था. शिंदने कहा कि वे हम पर करप्शन का आरोप लगाते हैं, जबकि हमारी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी मामला निकलकर नहीं आ सकता. वहीं जो लोग लंबे समय तक महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज रहे, उन्हें हम पर आरोप लगाने से आत्म-निरीक्षण कर लेना चाहिए. 


गठबंधन में बिखराव के सुर हुए तेज


बताते चलें कि लोकसभा चुनावों में उम्मीदों के मुताबिक रिजल्ट न आने से राज्य के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में बिखराव के सुर तेज हुए हैं. बताया जा रहा है कि अजित पवार ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और वंचित अघाड़ी गठबंधन के साथ तालमेल करके असेंबली चुनावों में उतरने की रणनीति बना रहे हैं. ऐसा करके वे मराठा, मुसलमानों और दलितों का गठबंधन कर ज्यादा सीटें जीतने की जुगत में हैं. ऐसे में क्या एकनाथ शिंदे भी अपना वजूद बनाए रखने के लिए नया गठबंधन साथी तलाशने में लग गए हैं, यह सवाल लोगों के अधरों पर है.