कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मिली बंपर जीत के बाद कांग्रेस आलाकमान के लिए मुख्यमंत्री का चुनाव करना कठिन हो गया है. इस गहमा-गहमी के बीच कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है. इधर, तमाम बैठकों के बाद पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया होंगे. वहीं, डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिल सकती है.


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शिवकुमार के समर्थकों को मनाने के लिए उनके नेता यानी शिवकुमार को पार्टी कई अहम मंत्रालय भी देने की तैयारी में है. दरअसल, कांग्रेस बिलकुल भी नहीं चाहती कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मिली इस बंपर जीत के बाद पार्टी में किसी प्रकार का बिखराव हो. साथ ही वो कर्नाटक को राजस्थान बनने से बचाना चाहती है. पार्टी आलाकमान नहीं चाहेगा कि कर्नाटक में डीके शिवकुमार राजस्थान के सचिन पायलट की तरह पार्टी के लिए मुसीबत बनें. इसलिए सूत्रों के मुताबिक, उन्हें व उनके समर्थकों को साधने के लिए, उन्हें बड़े मंत्रालय देने के लिए तैयार हो चुकी है.


पार्टी इस बात का भी ख्याल रख रही है जनता में ऐसा कोई मैसेज न जाए जिससे ये लगे कि पार्टी मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर अलग-थलग है. यही कारण है कि कांग्रेस ने नतीजों में मिली बंपर जीत के ठीक बाद तीन नेताओं (सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया) को पर्यवेक्षक बनाकर कर्नाटक भेजा था, ताकि मुख्यमंत्री का नाम लोकतांत्रिक तरीके से तय हो सके.


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘यह आम सहमति पर पहुंचने का कांग्रेस का तरीका है, जो सभी को विश्वास दिलाता है कि उन्हें सुना गया है. कर्नाटक में जल्द ही सत्ता संभालने वाली नई कांग्रेस सरकार संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और उत्तरदायी होगी.’


224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में 10 मई को हुए चुनावों में कांग्रेस ने धमाकेदार वापसी की और 135 सीटों पर अपने खाते में करने में सफलता हासिल की. वहीं, बीजेपी को 66 सीटों पर जीत मिली. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) को सिर्फ 19 सीट ही मिल सकी.