नई दिल्ली: कोविड-19 (Covid-19) महामारी की तीसरी लहर में, भारत के दैनिक मामलों को 10,000 से 1 लाख पार करने में सिर्फ आठ दिन लगे हैं. अगर आप इसकी तुलना पिछले साल की दूसरी लहर (Second Wave) से करें, तो कोविड के मामलों को 10,000 की संख्या से 1 लाख के स्तर तक पहुंचने में 47 दिन लगे थे. वहीं 2020 में पहली कोविड लहर (First Covid Wave) में, SARS-CoV-2 वायरस को 10,000 कोविड मामलों से लगभग 1 लाख के स्तर तक पहुंचने में 103 दिन लगे थे.


रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दूसरी लहर पिछले साल लगभग 4 लाख मामलों में चरम पर थी. वर्तमान आंकड़ों से पता चलता है कि समुदाय में ओमिक्रॉन (Omicron) की लहर कितनी तेजी से फैल रही है और कुछ ही समय में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ने की संभावना है. अब तक एकमात्र राहत यह है कि देश में ऑक्सीजन की मांग (Oxygen Demand) या अस्पताल में भर्ती होने में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से ओमिक्रॉन की कोविड 3.0 लहर (Third Wave) तेजी से फैल रही है, वह आने वाले दिनों में स्वास्थ्य प्रणाली (Health System) पर बहुत दबाव डाल सकती है.


स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान


शुक्रवार को, भारत ने 1,17,100 नए कोविड मामलों की एक दिन की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले दिन के 90,928 मामलों से 24 घंटे की अवधि में एक महत्वपूर्ण वृद्धि थी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस बीच, देश भर में ओमिक्रॉन वेरिएंट की संख्या 3,007 तक पहुंच गई. ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) डेल्टा (Delta) की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है (विशेष रूप से टीकाकरण वालों में). इसका मतलब यह नहीं है कि इसे पिछले वेरिएंट की तरह ही 'माइल्ड' के रूप में वर्गीकृत (Classified) किया जाना चाहिए. ओमिक्रॉन लोगों को अस्पताल में भर्ती कर रहा है और यह लोगों को मार रहा है.


ये भी पढें: अमृतसर में फिर लैंड हुई कोरोना यात्रियों से भरी हुई फ्लाइट, दूसरे दिन 173 पॉजिटिव


बिल गेट्स ने दी चेतावनी


माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक (Co-Founder of Microsoft) और अरबपति बिल गेट्स (Bill Gates) ने चेतावनी दी है कि मानवता 'महामारी के सबसे बुरे हिस्से में प्रवेश कर सकती है' क्योंकि ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. हांगकांग विश्वविद्यालय (University of Hong Kong) के वैज्ञानिकों के अनुसार, ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट की तुलना में लगभग 70 गुना तेजी से फैल सकता है.


वैज्ञानिकों ने क्या कहा?


संक्रमण के 48 घंटे बाद डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन भी टिशु (Tissue) में उच्च स्तर तक पहुंच जाता है. हालांकि, यह पिछले वेरिएंट की तुलना में कम गंभीर है क्योंकि यह फेफड़ों (Lungs) में उतना नुकसान नहीं पहुंचाता है, जैसा कि कई अध्ययनों (Studies) ने सुझाव दिया है. हैम्स्टर्स और चूहों पर अमेरिकी और जापानी वैज्ञानिकों के एक संघ द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों के फेफड़ों की क्षति (Damage) कम थी, उनका वजन कम था और अन्य प्रकार के लोगों की तुलना में उनके मरने की संभावना कम थी.



ये भी पढें: अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए केंद्र की नई गाइडलाइन, इतने दिन का क्वारंटीन जरूरी


इम्यूनोलॉजिस्ट ने किया ट्वीट


लिस्बन विश्वविद्यालय के एक इम्यूनोलॉजिस्ट (Immunologist) मार्क वेल्डोएन ने ट्विटर पर पोस्ट किया, 'संक्रमण फेफड़ों की तुलना में ब्रोन्किया (Bronchia) पर अधिक केंद्रित है और बहुत तेज है.' वैज्ञानिकों को अब लोगों के श्वसन तंत्र (Respiratory System) के अंदर वायरल लोड को मापने की जरूरत है. डेल्टा के साथ, लोगों के श्वसन पथ में मूल रूपों की तुलना में औसतन 1,000 गुना अधिक वायरस कण होते हैं.


(इनपुट - आईएएनएस)


LIVE TV