AIIMS डायरेक्टर ने कहा, Bharat Biotech की Corona Vaccine का हो सकता है वैकल्पिक इस्तेमाल
देश में इस महीने शुरू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के टीकों को आपात मंजूरी मिल चुकी है. एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) का कहना है कि इनमें से एक टीके को बैक अप के रूप में रखा जा सकता है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने कहा कि यह देश के लिए अच्छा दिन है.
'एक टीके को बैकअप में रखा जा सकता है'
डॉ रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने कहा कि सरकार से मंजूरी पाने वाले Bharat Biotech के टीके को बैकअप में रखा जा सकता है. कोरोना के मामले बढ़ने पर सीरम इंस्टिटयूट की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के साथ ही Bharat Biotech के टीके का भी इस्तेमाल हो सकता है. इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन पर यदि कोई शक पैदा होता है तो बैकअप के रूप में भारत बायोटेक की वैक्सीन का उपयोग हो सकता है.
DCI दे चुका है दोनों दवाओं को आपात मंजूरी
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central drug standards control organization) की सिफारिश को स्वीकार करते हुए भारत का औषधि महानियंत्रक विभाग (Drug Controller of India) दोनों वैक्सीनों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है.
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'कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक क्षण'
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दोनों टीकों के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिलने पर ट्वीट कर इसे कोरोना वायरस के खिलाफ एक निर्णायक पल बताया. पीएम ने ट्वीट करके कहा,‘वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की जंग में एक निर्णायक क्षण. सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटक के टीकों को DCGI की मंजूरी से एक स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा. इस मुहिम में जी-जान से जुटे वैज्ञानिकों-अन्वेषकों को शुभकामनाएं और देशवासियों को बधाई.’
'मेड इन इंडिया हैं दोनों वैक्सीन'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं. यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है. आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया.’
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