बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस के नौ विधायक व्हिप की अनदेखी करते हुए बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही में बुधवार को उपस्थित नहीं हुए. अधिकारी और पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के नौ विधायकों में वे चार विधायक भी शामिल हैं जो 18 जनवरी को पार्टी के विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में अनुपस्थित थे. इनमें रमेश जरकिहोली, महेश कुमतल्ली, उमेश जी जाधव और बी नागेन्द्र शामिल हैं.


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अनुपस्थित रहने वाले विधायकों में जेएन गणेश भी शामिल हैं जो हाल ही में एक रिसोर्ट में साथी विधायक के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के बाद से फरार घोषित हैं.


भाजपा पर नए सिरे से कुमारस्वामी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के आरोपों के बीच मंगलवार को सत्तारूढ़ जदएस-कांग्रेस गठबंधन के सभी विधायकों को एक व्हिप जारी किया गया था जिसमें उनसे बजट सत्र के सभी दिन विधानसभा में उपस्थित रहने के लिए कहा गया था.



विपक्षी बीजेपी ने जद(एस)-कांग्रेस सरकार की वैधता पर सवाल उठाए और विधानमंडल के संयुक्त सत्र की शुरूआत काफी हंगामेदार रही. बीजेपी के सदस्यों ने राज्यपाल वजुभाई वाला के संबोधन में व्यवधान डाला जिसके कारण उन्हें अपना संक्षिप्त करना पड़ा. बीजेपी सदस्यों ने राज्यपाल को रोकते हुए कहा, ‘‘हम नहीं चाहते हैं कि झूठ का पुलिंदा पढा जाए. सरकार बहुमत और विश्वास दोनो खो चुकी है.’’


विधायकों की अनुपस्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने छह फरवरी से 15 फरवरी के बीच चलने वाले सत्र में पार्टी विधायकों को शामिल होने के लिए बुधवार को दूसरा व्हिप जारी किया.


इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों को एक दूसरा नोटिस भेज कर उन्हें उपस्थित होने और बैठक में हिस्सा नहीं लेने के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा है. विधायकों ने अभी इसका जवाब नहीं दिया है. ऐसे में चारों विधायकों के अब भी भाजपा के संपर्क में होने और पार्टी छोड़ सकने की अटकलें लगायी जा रही है. हालांकि, पहले नोटिस के जवाब में विधायकों ने पार्टी के प्रति पूर्ण वफादारी का इजहार किया था.