मुंबई: ट्रैफिक की लाल बत्ती न केवल दुर्घटना रोकती है बल्कि चालकों की जान की किस प्रकार रक्षा कर सकती है, इस बात का अंदाजा तब लगा जब यहां गुरुवार शाम फुट ओवर ब्रिज के एक हिस्से के ढहने के दौरान ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती पर रुके कई कार एवं अन्य वाहन चालक किसी बड़े हादसे के शिकार होने से बच गए. 


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लाल बत्ती नहीं हुई होती तो मोटर चालक सीएसएमटी रेलवे स्टेशन के पास पुल ढहने के दौरान उसके नीचे से गुजर रहे होते और हादसे का शिकार हो जाते. यह पुल भीड़-भाड़ वाले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन को आजाद मैदान पुलिस थाना से जोड़ता था.


'हम सब सिग्नल पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे'
दुर्घटना के वक्त सिग्नल पर इंतजार कर रहे एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हम सब सिग्नल पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे क्योंकि बत्ती लाल थी. बत्ती हरी होने से पहले पुल लोगों समेत ढह गया. अगर बत्ती पहले हरी हो गई होती तो स्थिति और भयावह हो सकती थी.” 


उसने कहा, 'यह ऐसा वक्त था जब पूरी मुंबई घर जाने के लिए सीएसएमटी भागती है. हम भी घर जल्दी पहुंचना चाहते थे लेकिन अब मैं राहत महसूस कर रहा हूं कि बत्ती लाल थी. अन्यथा मैं भी घायल हो गया होता.'


दुर्घटना के वक्त एक टैक्सी चालक पुल के पास था और वह किसी तरह से बच पाया. हालांकि उसकी टैक्सी क्षतिग्रस्त हो गई.  उसके पीछे चल रहे वाहन समय से रुक गए और बड़ी त्रासदी होने से बच गई. 


अधिकारियों के मुताबिक इस दुर्घटना में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने बताया कि यह पुल भीड़-भाड़ वाले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन को आजाद मैदान पुलिस थाना से जोड़ता था.


मुख्यमंत्री ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उन्होंने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस पुल का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया गया था जिसमें इसे फिट पाया गया था. इसके बाद भी अगर यह हादसा हुआ हुआ है तो यह ऑडिट पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.  जांच की जाएगी और सख्त एक्शन लिया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने बताया कि हादसे में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने का फैसला किया है. इसके साथ ही घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य घायलों को पूरा इलाज उपलब्ध कराएगी.