विष्णु शर्मा, जयपुर: इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एरियल फायर क्रेकर्स और फोकस फायर लाइट के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई एयरोड्रम कमेटी की बैठक में इन पर रोक लगाने की चर्चा हो चुकी है. वहीं यात्रियों की सुरक्षा के लिए जयपुर अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राजस्थान पुलिस के जवान भी तैनात होंगे.  


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एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एयरोड्रम कमेटी बनाई हुई है. एयरोड्रम कमेटी में हवाई अड्डा निदेशक, जयपुर पुलिस कमिश्नर, डीसीपी ईस्ट, सीआईएसएफ कमांडेंट सहित एक दर्जन अधिकारी शामिल हैं. कमेटी की हर छह महीने में एक बार बैठक होती है. इस बार 24 सितम्बर को एयरोड्रम कमेटी की बैठक में ज्यादातर पुराने मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन एक दो मामलों पर निर्णय भी हुआ. बैठक के दौरान एयरपोर्ट पर चलने वाले हवाई पटाखों और फोकस फायर लाइट के इस्तेमाल पर रोक की बात पर चर्चा हुई. हालांकि, इसे पशु-पक्षियों को भगाने के लिए जरूरी बताया, लेकिन वैकल्पिक उपाय करने पर चर्चा हुई.


बैठक के दौरान एयरपोर्ट निदेशक जेएस बलाहारा ने एयरपोर्ट पर एक पुलिस चौकी की आवश्यकता होने की बात कही. जिस पर एसीएस गृह ने निर्णय लिया कि एयरपोर्ट बिल्डिंग में पुलिस चौकी के लिए एक जगह निश्चित होने पर उसमें राजस्थान पुलिस की तैनातगी की जा सकती है. वहीं निदेशक ने एयरपोर्ट टर्मिनल 2 के बाहर होमगार्ड लगाने के बावजूद यातायात कंट्रोल करने में कठिनाई की बात कही और ट्रैफिक पुलिस तैनात की मांग की. इस एसीएस ने कहा कि पीक ऑवर्स के दौरान सामान्य ट्रैफिक नहीं होता और केवल एयरपोर्ट आने वालों के लिए कारण ही होता है. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने जानकारी दी सुबह 6 से 10 तथ शाम को 5 से 8 बजे पीक ऑवर्स होता है. इसके बाद पीक आवर्स में ट्रैफिक पुलिसकर्मी लगाने पर सहमत हुए. 


भाषा विशेषज्ञ को एंगेज करने की बात पर एयरपोर्ट निदेशक जेएस बलहारा का कहना था कि दो लेंगवेज एक्सपर्ट एंगेज किए जा चुके है, और लेंग्वेज एक्सपर्ट को एंगेज करने की जरूरत है. इस पर एसीएस गृह ने सहमति जताई. थल सेना के ब्रिगेडियर वीएस देशपांडे ने कहा कि विमान अपहरण होने की स्थिति में अगर सेना को बुलाया जाता है तो एयरपोर्ट की जानकारी नहीं होने की स्थिति में सेना की भूमिका सीमित रहेगी. इसके लिए सेना को एयरपोर्ट के अंदर इसका प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. एसीएस गृह ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और बीसीएएस को निर्देशित किया कि इंडियन आर्मी का वाजिब पॉइंट है. इस पर बीसीएएस के सहायक निदेशक ने बताया कि एंटी हाईजैकिंग एसओपी के अनुसार इंडियन आर्मी की भूमिका तय नहीं की गई है. सहायक निदेशक ने सेना की भूमिका के बारे में स्पष्ट कर एरोड्रम कमेटी को अवगत कराएंगे.