नई दिल्ली: केंद्र ने राज्य सरकारों प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) द्वारा अपनी गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने वाले धन और स्थानों को प्रतिबंधित करने की शक्ति प्रदान कर दी है। सिमी पर देश में कई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप हैं।


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गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक सिमी पर गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) 1967 के तहत 31 जनवरी से पांच वर्ष के लिए फिर से प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है।


इसमें कहा गया, 'अब गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम 1967 की धारा 42 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि धारा सात और धारा आठ के तहत यह जिन शक्तियों का इस्तेमाल करती है उन्हें उपर्युक्त संगठन के लिए राज्य सरकारें और केंद्र शासित क्षेत्र भी कर सकेंगे।' यूए(पी)ए की धारा सात किसी अवैध संगठन के धन के इस्तेमाल को रोकने से जुड़ी शक्ति है जबकि धारा अवैध संगठनों के स्थान पर प्रतिबंधन की शक्ति प्रदान करती है।


मंत्रालय ने कहा कि अगर सिमी की अवैध गतिविधियों को तुरंत नहीं रोका जाता है तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेगा, अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करेगा जो फरार हैं और देश विरोधी भावनाएं भड़काकर देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे में गड़बड़ी करेगा और अलगाववाद के विचारों को प्रोत्साहित करेगा।