गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्बानंदा सोनोवाल ने सोमवार को गुवाहाटी में दिसपुर विधान सभा के सभाकक्ष में कोच राजबंशियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की है. इस दौरान असम में हो रहे नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध और असम समझौता के क्लॉस 6 को लागू करने के लिए गठित कमिटी का विरोध के मुद्दे और कोच राजबंग्शी जंगोष्ठी के एसटी दर्जा के मांग पर चर्चा की गई है. 


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असम के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हृषिकेश गोस्वामी ने अनौपचारिक रूप से जी मीडिया को बताया कि कोच राजबंशियों के अध्यक्ष और महासचिव के साथ प्रतिनिधिमंडल में विश्वजीत राय, गोकुल बर्मन के साथ आये सभी नेताओं से नागरिकता संशोधन विधेयक के बारकियों से अवगत कराया गया और बताया गया की असम में बिल के राज्य सभा से पास होने की स्थिति में असमिया समाज का कही कोई क्षति नहीं होगी. इसमें असमिया समाज के लोगों के राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक जैसे तमाम रक्षा कवच रखे गए हैं और इसके साथ कही कोई समझौता नहीं किया गया है.




गोस्वामी ने यह भी बताया, '' असम एकॉर्ड के क्लॉज़ 6 के लागू करने के लिए बनाई एम.के बेजबरुआ कमिटी को पूरा सहयोग देने की भी बात कोच राजबंशियों के नेताओं को आग्रह किया गया हैं. कोच राजबंशी समुदाय वर्षो से जनजाति दर्जा के मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं ओर उसी के परिणाम अनुसार भारत सरकार ने हाल ही में असम के 6 जंगोष्ठियों को जिनमे कोच राजबंशी भी हैं, जनजाति दर्जा देने के सदन के अगले सत्र में बिल पेश करने की बात कही है.


सीएम ने साहित्य सभा के प्रतिनिधिमंडल को भारत सरकार के निर्णय से कराया अवगत


दूसरी ओर असम साहित्य सभा के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने साहित्य सभा के तमाम सदस्यों ओर नेताओं को नागरिकता संशोधन विधेयक, असम समझौता के क्लॉस 6 लागू करने के लिए बनाई कमिटी और असम  जंगोष्ठियों को जनजाति दर्जा देने की भारत सरकार के निर्णय से अवगत कराया गया और उनसे भी तीनो मुद्दों पर सहयोग की अपील की गई हैं.


आपको बता दें कि, असम साहित्य सभा में असमिया साहित्य से जुड़े लेखक, कवि शिक्षकों का एक प्रभावशाली मंच हैं और असम के विभिन्न मुद्दों पर वैचारिक दृश्टिकोण का इस सभा का उल्लेखनीय अवदान रहता हैं.   


बता दें, असम में पिछले ८ जनवरी को लोक सभा से नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के बाद से निरंतर विरोध प्रदर्शन जारी है. माना जा रहा है की इस बिल के लागू होने से असमिया अस्तित्व संकट में पड़ जायेगा.


असम एकॉर्ड के क्लॉल 6 पर हुई चर्चा


गौरतलब हैं की असम में 1985 में आसू और तब के भारत सरकार के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के बीच आम सहमति से असम एकॉर्ड बनाई गई थी और क्लॉज़ 6 उसी एकॉर्ड का एक अभिन्न अंग हैं. जिसे लागू करने के लिए मोदी सरकार ने रिटायर्ड आईएएस एमके बेजबरुआ के अध्यक्षता में कमिटी गठित की हैं. लेकिन आसू और अन्य संगठनों से सहयोग नहीं मिलने के कारण कमिटी के अध्यक्ष और 3 अन्य सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया हैं. 


असम के 6 जंगोष्ठी ST दर्जे के लिए कर रहे हैं आंदोलन


असम के 6 जंगोष्ठी ताई आहोम, मोराल, मटक, सुतिया, आदिवासी और कोच राजबंशी संगठनों ने वर्षो से जनजाति दर्जा की मांग में आंदोलन कर रखा है. उसी के मद्देनजर मोदी सरकार के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में सदन में ये बयान दिया था की असम के इन 6 जंगोष्ठियों को एसटी स्टेटस की मांग को स्वीकार करते हुए अब बिल आगामी सत्र में सदन में लाया जायेगा.