जम्मू : ईद के मौके पर भले ही आतंकी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हों, लेकिन सरकार हर स्तर पर नरम रवैया अपना रही है. अब जब देश ईद की खुशियों में मशगूल है, ऐसे मौके पर जम्मू और कश्मीर सरकार ने 115 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य की विभिन्न जेलों में बंद ऐसे 115 कैदियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं, जो बहुत गंभीर अपराधों में लिप्त नहीं हैं. 


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महबूबा मुफ्ती ने कैदियों की रिहाई का आदेश देकर एक बार फिर लोगों को पैगाम देने की कोशिश की है कि सरकार अपनी राह से भटके लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. राज्य सरकार के इस कदम का विभिन्न राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है. गठबंधन में शामिल बीजेपी ने कहा कि जेल से छूट कर ये लोग अपने परिवार के साथ ईद मनाएंगे, इससे बढ़कर ईद का तोहफा और क्या हो सकता है. 



बता दें कि रमजान के महीने में केंद्र सरकार ने राज्य में किसी भी तरह की सैनिक कार्रवाई पर रोक लगा रखी है. कश्मीर में भारत की तरफ से एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की गई है. इसके बाद भी आतंकी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. कश्मीर के प्रमुख अंग्रेजी अखबार 'राइजिंग कश्मीर' के प्रधान संपादक शुजात बुखारी की गुरुवार की शाम अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी. इसके अलावा आतंकवादियों ने सेना के राइफलमैन औरंगजेब की अगुवा करने के बाद हत्या कर दी. उनका भी शव कल बरामद किया गया. इन दोनों घटनाओं ने भारत द्वारा शांति की पहल को ठुकराने का संदेश दिया है. 


पत्रकार लोकतंत्र का डाकिया है, उसे मारकर तुम खुद मरोगे


औरंगजेब की हत्या
बता दें कि गुरुवार को सेना के जवान औरंगजेब का शव पुलवामा के गूसो इलाके में मिला था. औरंगजेब पुंछ जिले के रहने वाले थे. सेना के जवान के अगवा होने की खबर के बाद से पुलिस और सेना ने तलाशी अभियान चला रखा था. कल देर शाम उसकी हत्या किए जाने की खबर सामने आई. बताया जा रहा है कि सेना का जवान औरंगजेब ईद मनाने अपने घर जा रहा था, उसी वक्त आतंकियों ने उसे अगवा कर लिया था.