26 January history: भारत हर साल 26 जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस मनाता है, लेकिन क्या यह 76वां गणतंत्र दिवस है? जी हां, देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा और 1950 में इसी दिन अपनाए गए संविधान जश्न मनाएगा. यह दिन पूरे देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण व इसका हर कोई जश्न मनाता है, लेकिन इसका मुख्य आकर्षण नई दिल्ली में होने वाली भव्य गणतंत्र दिवस परेड होती है. इस साल गणतंत्र दिवस परेड की थीम 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है, जो भारत की समृद्ध विरासत और आशाजनक भविष्य को समर्पित है.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
वैसे तो भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, लेकिन 26 जनवरी का दिन सभी भारतीयों के दिलों में खास जगह रखता है. 1950 में इसी दिन भारत ने अपना संविधान अपनाया था और आधिकारिक तौर पर एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बना था.
यह वह क्षण था जब एक गणतंत्र के रूप में देश का भविष्य तय हो गया था. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराया और भारतीय गणतंत्र का जन्म हुआ.
उस भाग्यशाली दिन के बाद से, देश की लोकतांत्रिक नींव का सम्मान करने के लिए हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. 26 जनवरी एक राष्ट्रीय अवकाश है, जो देश के न्याय, स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों की याद दिलाता है.
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण निस्संदेह नई दिल्ली में होने वाली भव्य परेड है. भारत के राष्ट्रपति कर्त्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हैं, जिसके बाद सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और देशभक्ति की भावना का शानदार प्रदर्शन होता है. परेड भारत की सैन्य शक्ति का एक अद्भुत प्रदर्शन है.
विभिन्न राज्य और सरकारी विभाग भी ऐसी झांकियां निकालते हैं जो भारत की संस्कृति और विविधता का सार प्रस्तुत करती हैं. यह कार्यक्रम न केवल देश के इतिहास का उत्सव है, बल्कि इसके विविध क्षेत्रों और समुदायों को जोड़ने वाली एकता का भी प्रदर्शन है.
परेड के बाद, प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर देश के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं, जो भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले बहादुर सैनिकों के बलिदान का सम्मान करते हैं.
गणतंत्र दिवस परेड 2025 थीम
प्रत्येक वर्ष, गणतंत्र दिवस समारोह में एक शानदार परेड होती है जिसमें विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों की विस्तृत झांकियां दिखाई जाती हैं.
ये प्रदर्शनियां कर्त्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर गर्व से मार्च करती हैं, और 2025 के लिए, चुना गया विषय 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है, जिसका उद्देश्य भारत की प्रगति की यात्रा को दर्शाना है, साथ ही इसकी गहरी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना है.
गणतंत्र दिवस 2025 के लिए, 15 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश - आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल - कर्त्तव्य पथ पर अपनी झांकी प्रदर्शित करेंगे.
इसके अतिरिक्त, 11 केंद्रीय सरकार के मंत्रालय और विभाग भी अपना प्रतिनिधित्व प्रदर्शित करेंगे. यहां तक कि परेड के लिए नहीं चुने गए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी 26 से 31 जनवरी को लाल किले पर आयोजित भारत पर्व में अपनी झांकी प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा.
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