जातिसूचक टिप्पणी पर डॉक्टर की आत्महत्या के बाद परिजनों ने किया अस्पताल के बाहर प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी वंचित बहुजन अगाड़ी से और दूसरे दलित और जनजातीय संगठनों से संबद्ध हैं और वे तड़वी की मौत को लेकर बीवाईएल नायर हॉस्पीटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
मुंबई: अपनी वरिष्ठ सहकर्मियों द्वारा कथित तौर पर जातीय टिप्पणी किये जाने से परेशान होकर खुदकुशी करने वाली 26 वर्षीय चिकित्सक पायल तड़वी के माता-पिता ने मंगलवार को मुंबई में उस सरकारी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया जहां वह काम करती थी. अन्य प्रदर्शनकारी भी तड़वी की मां आबिदा और पति सलमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और तीन वरिष्ठों के खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर “रैगिंग और जातीय टिप्पणियां कर उसे प्रताड़ित किया” और यह कदम उठाने के लिये बाध्य किया.
प्रदर्शनकारी वंचित बहुजन अगाड़ी से और दूसरे दलित और जनजातीय संगठनों से संबद्ध हैं और वे तड़वी की मौत को लेकर बीवाईएल नायर हॉस्पीटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. सलमान ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार हस्तक्षेप करे. पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यह संभव है कि पायल की हत्या तीन महिला चिकित्सकों द्वारा की गई हो.” प्रदर्शनकारियों और तड़वी के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर “हमारी छोटी बहन के लिये न्याय की लड़ाई में” जरूरत हुई तो वह भी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे.
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिये क्या कदम उठाए. तड़वी को खुदकुशी के लिये उकसाने की आरोपी तीन महिला चिकित्सकों ने मामले में “निष्पक्ष जांच” की मांग की है. महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) को लिखे एक खत में अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहारे ने कहा कि वे चाहती हैं कि कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और उन्हें “न्याय दे”.
तीनों चिकित्सकों ने पत्र में कहा, “पुलिस बल और मीडिया के दबाव में जांच करने का यह तरीका नहीं है जिसमें हमारा पक्ष नहीं सुना जा रहा.’’ एमएआरडी ने तीनों चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. एमएआरडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि तीनों चिकित्सकों ने डॉ. पायल तड़वी के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां कीं. हम इस मामले में आगे की जांच के लिये पुलिस का सहयोग करेंगे. तड़वी ने 22 मई को खुदकुशी कर ली थी. उसके परिवार का आरोप है कि चिकित्सकों ने उसके अनुसूचित जनजाति का होने को लेकर ताने मारे थे.