नई दिल्‍ली : शारदा चिटफंड घोटाले के संबंध में जांच का सामना कर रहे कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर और मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी आईपीएस अफसर राजीव कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. शारदा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की मांग पर यह लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. इसके मुताबिक अब अगले एक साल तक अगर राजीव कुमार विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट या बंदरगाह का इस्‍तेमाल करेंगे तो उन्‍हें हिरासत में लिया जा सकेगा. इसके बाद उन्‍हें सीबीआई को भी सौंपा जा सकेगा.


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सीबीआई ने सारदा घोटाले के सिलसिले में कुमार से हिरासत में पूछताछ की अनुमति मांगी है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सीबीआई ने कुमार को देश छोड़ने से रोकने के लिए और उनके किसी भी संभावित कदम के बारे में एजेंसी को सूचित करने के लिए इस सप्ताह सभी हवाईअड्डों और आव्रजन अधिकारियों को सतर्क किया है.


एजेंसी 2500 करोड़ रुपये के सारदा पोंजी घोटाले में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार से हिरासत में पूछताछ करना चाहती है. वह इस मामले की जांच सीबीआई के संभालने से पहले पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे थे.



सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कुमार से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे और वह एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ में रखे गये सवालों पर टालमटोल तथा अड़ियल रवैया अपना रहे हैं.


सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कुमार एसआईटी की जांच के प्रभारी थे और उन्होंने आरोपियों से जब्त मोबाइल फोन तथा लैपटॉप को जब्ती मुक्त करने की अनुमति दी थी जिनमें घोटाले में राजनीतिक पदाधिकारियों की कथित संलिप्तता का महत्वपूर्ण रिकॉर्ड था.


सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच के घेरे में फंसे पश्चिम बंगाल के आईपीएस और मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी राजीव कुमार ने बुधवार को दोबारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका पाए राजीव कुमार की ओर से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में अग्रिम जमानत की मांग की गई है. इसके साथ ही राजीव कुमार ने मामले की जांच कर रही सीबीआई पर भी गंभीर आरोप लगाए थे.