मुंबई: योग गुरु बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि को महाराष्ट्र FDA ने बड़ा झटका दिया है. महाराष्ट्र FDA मंत्रालय ने बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि को चेताया है कि कोरोनिल दवा के गलत प्रचार के खिलाफ एफडीए कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है. 


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एफडीए मिनिस्टर राजेंद्र शिंगने ने पतंजलि को चेताते हुए एलान किया है कि कोरोनिल दवा को लेकर प्रदेश में प्रचार के खिलाफ कानूनी कारवाई तय है. सरकार का कहना है कि अगर पतंजलि कोरोनिल दवा से कोरोना को ठीक करने का दावा करती है तो उसके खिलाफ एफडीए कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 


पतंजलि की इस दवा की बिक्री पर महाराष्ट्र में पहले ही गृहमंत्रालय ने प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि इसे बिना किसी अनुमति के बाजार में लाया गया था. अब सूबे के एफडीए मंत्रालय ने कोरोनिल को लेकर कहा है कि यह दवा कोरोना ठीक नहीं करती है. अगर पतंजलि लोगों में भ्रम पैदा करती है या जनता को गुमराह करने की कोशिश करती है कि यह दवा कोरोना ठीक करती है तो ड्रग्स और एंटी-सोरेसरी यानी आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम के तहत गृह विभाग की मदद से कार्रवाई की जाएगी. 


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जानकारी के मुताबिक कोरोनिल में पतंजलि ने अश्वगंधा, तुलसी और गुलाल का इस्तेमाल किया है. इसका उपयोग इम्यूनिटी बढ़ाने में किया जाता है. आयुष मंत्रालय ने भी कहा है कि इस दवा में इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, तुलसी और गुलाल शामिल हैं. लेकिन ये कोरोना को ठीक नहीं करता है. इस दवा के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कोरोनिल नाम और इसके विज्ञापन लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. कोरोनिल का उपयोग महज इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवा के रूप में किया जा सकता है.


इससे पहले महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय बाबा रामदेव के दावे पर एतराज जता चुका है. सूबे के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि पतंजलि द्वारा निर्मित ड्रग कोरोनिल की बिक्री पर महाराष्ट्र में प्रतिबंध लगाया जा रहा है. कोरोनिल के नैदानिक ​​परीक्षण का कोई सबूत नहीं है. जयपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यह जांच करेगा कि बाबा रामदेव की दवा का परीक्षण किया गया था या नहीं.


अनिल देशमुख ने कहा था कि महाराष्ट्र में कोरोनिल नहीं बेचा जाएगा और महाराष्ट्र सरकार राज्य में नकली दवाओं की बिक्री कभी नहीं होने देगी. महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार के सख्त रुख से बाबा रामदेव की पतंजलि को सूबे में बड़ा वित्तीय झटका लगने की संभावना है.