मुस्तान मिर्जा, उस्मानाबाद: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना सांसद पर चाकू से हमला किए जाने की खबर सामने आई है. उस्मानाबाद लोकसभा सीट से शिवसेना के सांसद ओमप्रकाश राजेनिंबालकर पर ये हमला उस वक्त हुआ जब वह चुनाव प्रचार कर रहे थे. हमलावर ने अचानक से सांसद पर चाकू मारा और फरार हो गया. गनीमत रही इस दौरान उन्हें ज्यादा चोट नहीं आई.


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हमले के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है. सासंद पर हमला करने के बाद हमलावर के हाथ से चाकू वहीं गिर गया. 



पुलिस ने चाकू को मिल गया है और उसकी टीमें आरोपी की तलाश में जुटी हुई है.



 



लुंगी में वोट मांगते दिखे आदित्य ठाकरे, दादा बाला साहेब का था नारा 'बजाओ पुंगी, हटाओ लुंगी'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) को लेकर जारी प्रचार में शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के प्रचार करने का तरीका चर्चा में है. आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) मुंबई में बसे दक्षिण भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए लुंगी (Lungi) पहनकर प्रचार करने पहुंचे. यह बात इसलिए चर्चा में है क्योंकि 70 के दशक में शिवेसना के संस्थापक और आदित्य के दादा बाला साहेब ठाकरे ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत ही दक्षिण भारतीयों को मुंबई से भगाने के साथ शुरू की थी. बाला साहेब ने उस दौर में नारा दिया था- 'बजाव पुंगी, हटाव लुंगी'. अब जब बाला साहेब के परिवार से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे आदित्य वोट की खातिर खुद लुंगी (Lungi) पहनकर प्रचार करने निकले हैं.



राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरू हो चुकी है कि क्या शिवसेना (Shiv Sena) ने अपना राजनीतिक एजेंडा बदलने की तैयारी में है. महाराष्ट्र के मराठाओं की हितैषी बताने वाली शिवसेना (Shiv Sena) क्या अब इस मुद्दे से अपना फोकस हटा रही है. क्या मराठी माणूस के नाम पर आंदोलन करते रहने वाली शिवसेना (Shiv Sena) ने अपना नया राजनीतिक रास्ता चुनने का फैसला लिया है? 


उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने जब आदित्य को मुंबई के वर्ली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया तभी से चर्चा शुरू हो चुकी थी कि बदलते दौर में बाला साहेब का परिवार अब सीधे तौर से सत्ता में आना चाह रहा है. अब जब बाला साहेब के पोते आदित्य वर्ली के गोपालनगर में लुंगी (वेष्टी) पहनकर प्रचार करने निकले तो चर्चा शुरू हो गई है कि क्या शिवसेना (Shiv Sena) अपने मूल मुद्दों से हटना चाह रही है.