मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी के चार छोटे सहयोगी दल सीट बंटवारे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक करेंगे. राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) नेता महादेव जानकर ने रविवार को यह जानकारी दी. बीजेपी ने इस हफ्ते की शुरूआत में शिवसेना के साथ गठबंधन किया था. बीजेपी राज्य में 48 लोकसभा सीटों में 25 पर, जबकि शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, शिवसेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका सिर्फ बीजेपी के साथ गठजोड़ है, एनडीए के अन्य सहयोगी दलों को सीट बंटवारे पर बीजेपी के साथ बातचीत करनी होगी.


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बीजेपी से किस तरह होगी बातचीत इस पर चर्चा- आरएसपी नेता
आरएसपी के महादेव जानकर, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की आरपीआई, विनायक मेटे के शिवसंग्राम प्रतिष्ठान और सदाभाऊ खोट के रैयत क्रांति संगठन की सोमवार को जानकर के आवास पर बैठक होगी. जानकर ने कहा, ‘‘हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि हम किस तरह से बीजेपी के साथ बातचीत पर आगे बढ़ सकते हैं.’’ जानकर ने 2014 का लोकसभा चुनाव बारामती से एनडीए उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था. वह एनसीपी की सुप्रिया सुले से हार गए थे.


गठबंधन से पहले हमें विश्वास में नहीं लिया- आठवले
गौरतलब है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन में कोई सीट न मिलने से नाराज चल रहे हैं. आठवले ने शनिवार को आरोप लगाया कि बीजेपी और शिवसेना ने सीट बंटवारा समझौता की घोषणा करने से पहले उनकी पार्टी को विश्वास में नहीं लिया. आरपीआई नेता ने कहा कि वह मुंबई दक्षिण मध्य से चुनाव लड़ना चाहते हैं जिसका प्रतिनिधित्व फिलहाल शिवसेना के राहुल शेवाले कर रहे हैं. 


बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में किसी छोटे घटक दल को नहीं मिली सीट
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पूरे देश में ये संदेश गलत गया कि शिवसेना-बीजेपी एक साथ आए लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को हवा में छोड़ दिया. एक भी सीट आरपीआई को दी नहीं. अभी भी इसमें सुधार किया जा सकता है, हमारी इतनी बड़ी मांग नहीं है." इससे पहले, शनिवार को अठावले ने कहा था, "राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं लेकिन वह इसके बावजूद यह चाहते हैं कि अगली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बने." उन्होंने कहा था, "हम खुश हैं कि शिवसेना और भाजपा एकसाथ आए, लेकिन उन्होंने आरपीआई के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है."  


फिलहाल पार्टी का इरादा एनडीए छोड़ने का नहीं- आठवले
आठवले ने संवाददाताओं से कहा था, "2014 के विधानसभा चुनाव (महाराष्ट्र) में बीजेपी के लिए वोट जुटाने में आरपीआई ने सहायता की थी." उन्होंने कहा कि शिवसेना और बीजेपी को अपने गठबंधन पर मुहर लगाते वक्त उनकी पार्टी को भी विश्वास में लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि आरपीआई के नेता 25 फरवरी को मुंबई में बैठक करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी का इरादा एनडीए छोड़ने का नहीं है.


(इनपुट भाषा से भी)