महाराष्ट्र: स्कूल बैग का बोझ कम करने के लिए पहली से सातवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए सभी विषयों के लिए एक ही किताब होगी. महाराष्ट्र शिक्षा विभाग इस पैटर्न को लागू करने जा रहा है. दो साल बाद इस प्रस्ताव को अमल में लाया जा रहा है. इन किताबों की डमी कॉपी भी तैयार की गई है. इस किताब के प्रिटिंग काम भी पुणे की महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती मंडळ बालभारती ने शुरू किया है. बालभारती के तरफ से छात्रों के अभिभावकों और शिक्षकों से सूचना ली जा रही है. हर विषय के पाठ्यक्रम का तीन हिस्से किए जाएंगे.


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हर सेमेस्टर के हिसाब से सभी विषयों की एक किताब बनाई जाएगी यानी सालभर में सेमेस्टर के हिसाब सें सभी विषयों को मिलाकर तीन किताब होगी. छात्र टॉपिक के अनुसार सभी विषयों की एक ही किताब लेकर स्कूल में जाएगा.  इसे अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाएगा. छात्रों के स्कूल बैग का बोझ कम करने के लिए कई प्रयोग हुए.



अब अगर यह प्रयोग सफल होता है तो छात्रों को स्कूली बैग का वजन कम होने में मदद मिलेगी. पुणे के मॉडर्न हाईस्कूल की प्रिंसपल माधुरी शहा ने बताया, "स्कूल के बैग का बोझ कम करने के लिए एक ही पुस्तक की कल्पना छात्रों के हित में है. इसे जल्द लागू करना चाहिए. इस फैसला का मैं स्वागत करती हूं." अभिभावक इंदू अरोरा ने बताया कि सभी विषयों की किताब स्कूल बैग में वजन बढ़ाता है. स्कूल बैग का बोझ करने का फैसला सही है. 


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छात्र आर्या बिडवे ने बताया, "मैं साइकिल से स्कूल आती हूं, पीठ पर स्कूल बैग डालकर साइकिल चलाती हुई जिससे थकान महसूस होती है. अब एक ही बुक ले जाने से बैग का बोझ कम होगा. मैं इस फैसले से खुश हूं." बालभारती के प्रभारी अध्यक्ष विवेक गोसावी ने बताया कि एकात्मिक पुस्तक की डमी कॉपी तैयार है. इसे आने वाले शैक्षणिक वर्ष में लागू किया जाएगा. पहले इन किताबों को जिला परिषद के स्कूल में उपलब्ध कराया जाएगा.