चंगसारी (असम): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को असम और पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया और कहा कि नागरिकता विधेयक से उनके हितों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. मोदी असम के स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा नीत नेडा संयोजक हिमंता बिस्वा सर्मा के विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह पूर्वोत्तर के लोगों से एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि उन्हें किसी तरह नुकसान नहीं होगा और जांच एवं राज्य सरकारों की सिफारिश के बाद ही नागरिकता दी जाएगी.’’  मोदी ने कहा कि यह समझा जाना चाहिए कि बलपूर्वक देश में घुसे लोगों और ‘‘अपनी आस्था के चलते घर से भागने और अपनी जान बचाने वाले’’ लोगों के बीच फर्क है. ‘‘दोनों समान नहीं हैं.’’ 



उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों को शरण देने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जो पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हैं और जिन्हें उनपर ढाए गए जुल्मों के चलते सब कुछ छोड़ कर भागना पड़ा. वे हमारे देश में आए हैं और भारत मां के विचारों और लोकाचार को अपनाया है.’’ 


मोदी ने कहा कि भाजपा 36 साल पुराने असम समझौते को लागू करने के प्रति वचनबद्ध है और उसके अनुबंध 36 के क्रियान्वयन के लिए एक समिति का गठन इसकी दिशा में एक कदम है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार असम और पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, संसाधन, आशा और आकांक्षाओं के संरक्षण के लिए कटिबंध है.


मोदी ने कहा कि उनकी सरकार असम को देश का तेल और गैस का केन्द्र बनाने के प्रति वचनबद्ध है और 14000 करोड़ रूपये की परियोजनाएं पिछले चार साल में पूरी की गई हैं.


(इनपुट भाषा से)