कोरोना काल में NCP नेता शरद पवार को आई किसानों की याद, पीएम मोदी से की ये मांग
इससे पहले भी पवार ने पीएम मोदी को चीनी मिल उद्योग के संकट पर चिठ्ठी लिखी थी.
मुंबई: कोरोना महामारी के चलते करीब दो महीने से देश में लॉकडाउन है. इसकी सबसे ज्यादा मार गरीब मजदूर वर्ग और किसान झेल रहे हैं. अन्य क्षेत्रों के अलावा कृषि क्षेत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ है. इसे देखते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए ठोस नीति घोषित करके किसानों को राहत पहुंचाने की मांग की है. इससे पहले भी पवार ने पीएम मोदी को चीनी मिल उद्योग के संकट पर चिठ्ठी लिखी थी.
पवार ने पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि कृषि क्षेत्र सबसे अधिक रोजगार देने वाला और देश में इसी कृषि व्यवसाय के चलते अनाज की कमी नहीं होती. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा इस क्षेत्र की सहायता और सुधार लिए घोषित 1.63 लाख करोड़ रुपये की राशी कुल वित्तीय पैकेज का केवल 8 प्रतिशत है. ऐसे में किसानों के लिए अधिक राशी दी जानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए यह वित्तीय प्रावधान मुख्य रूप से आपूर्ति से संबंधित है और इस प्रावधान को लागू करने और वास्तविक लाभार्थियों को इसके लाभों को पारित करने में लंबा समय लग सकता है. कोरोना से आय के लिए जबरदस्त संघर्ष करना पड़ रहा है इससे खाद्य की मांग का ग्राफ पहले ही ढह चुका है.
पवार ने कहा कि 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया गया और खाद्यान्नों, दालों, खाद्य तेलों, तिलहन, दालों, प्याज और आलू जैसी कृषि वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित कर उन्हें उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने की बात वित्त मंत्री ने कही है.
उन्होंने कहा कि किसानों को लाभ देने के उद्देश से खाद्यान्न के प्रसंस्करण और निर्यातकों के लिए खाद्यान्नों के भंडारण की सीमा को हटा दिया गया है. हालांकि, किसानों के खाद्यान्न को तब तक उचित मूल्य नहीं मिलेगा जब तक उपज की लागत के आधार पर खाद्यान्नों की कीमतें तय नहीं की जाती हैं. पवार ने अपनी चिट्ठी में किसानों से जुड़े ऐसे ही कई मसलों पर बात की है.
पवार ने कहा कि कोरोना में किसानों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मुझे आशा है कि आप मेरी सिफारिशों पर विचार करेंगे, जो किसानों के हित में एक प्रभावी नीति को लागू करने में मदद करेगी.