नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालात के बाद केंद्र सरकार ने संघर्ष विराम को खत्म करने का ऐलान कर दिया है. रमजान से पहले शांति की पहल करते हुए केंद्र सरकार ने घाटी में सीजफायर का ऐलान किया था. राज्य सरकार और विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसका स्वागत किया था. लेकिन इसके बाद भी घाटी में हालात में खास सुधार नहीं हुआ. पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी जारी रही. बीएसएफ के जवानों ने अपनी जान गंवाई. पत्रकार शुजात बुखारी की घाटी में हत्या कर दी गई. ईद के दिन पत्थरबाजी हुई.


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इसके बाद से माना जा रहा था कि केंद्र सरकार घाटी में सीजफायर को आगे नहीं बढ़ाएगी. हालांकि राज्य सरकार ने कहा कि इस सीजफायर का घाटी में लोगों ने स्वागत किया है. इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. इसीलिए पहले दावा किया गया था कि इस सीजफायर को ईद के आगे भी बढ़ाया जाएगा. लेकिन पिछले एक सप्ताह के हालात ने सरकार पर काफी दबाव बढ़ा दिया.


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एक दिन पहले यानी शनिवार 16 जून को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि वह इस बारे में 17 जून को ऐलान करेंगे. रविवार को उन्होंने जम्मू एंड कश्मीर से सीजफायर खत्म करने का ऐलान किया. उन्होंने सुरक्षाबलों को आदेश दिया कि घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू करें.




राजनाथ सिंह ने ये ऐलान करते हुए कहा, घाटी में शांति के लिए हमने ये ऐलान किया था. रमजान के पवित्र महीने में लोगों को तकलीफ न हो इसलिए केंद्र सरकार ने ये निर्णय लिया था. अब हमने सुरक्षा बलों से कह दिया है कि आतंकियों के खिलाफ उन्हें जो भी सख्त एक्शन लेना हो वह लें. सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ अपना ऑपरेशन शुरू करें. सरकार घाटी में शांति के प्रयासों के लिए प्रयास जारी रखेगी.


गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, रमजान के दौरान सुरक्षाबलों ने धैर्य का परिचय दिया. हालांकि आतंकियों और उपद्रवियों की ओर से उन्हें उकसाने का हर संभव प्रयास किया गया. हमने घाटी में शांति के लिए ये पहल की. अब सुरक्षाबल पहले की ही तरह आतंकियों से  निपटें.