श्रीनगर: पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने तीन तलाक बिल का विरोध किया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि तीन तलाक बिल लाकर वे हमारे घरों में घुस रहे हैं. ये हमारे पारिवारिक जीवन को प्रभावित करेगा. सिर्फ इतना ही नहीं आर्थिक रूप से इससे महिलाएं और पुरुष प्रभावित होंगे. अपनी निजी जिंदगी के अनुभवों को बताते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मेरी शादी भी नहीं चल सकी और मुझे महसूस होता है कि यदि किसी महिला की शादी टूट जाती है तो उसको आर्थिक रूप से अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.


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उन्‍होंने कहा कि जब हम मुस्लिमों के आरक्षण की बात करते हैं तो धार्मिक आधार पर बीजेपी इसको खारिज कर देती है. लेकिन जब इस तरह के कानून (तीन तलाक बिल) की बात सामने आती है तो वे संसद में बिल पेश करते हैं. उन्‍होंने कहा कि एक भी मुस्लिम सांसद इसका समर्थन नहीं करेगा.


अयोध्‍या मसला
इस मसले पर बोलते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बाबरी मस्जिद पर अभी निर्णय नहीं आया है लेकिन फिर भी वो कहते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे. उनके पास बहुमत नहीं है लेकिन जनमत नहीं है. सरकार तीन तलाक का बिल लाकर गलत कर रही है. शहरों और द्वीपों के नाम बदले जा रहे हैं. ये कोई सेवा नहीं है. ये न ही देश सेवा है और न ही हिंदुओं की सेवा है. हम गांधी के देश भारत को जिया उल हक का पाकिस्‍तान नहीं बनने देना चाहते. 


राज्यसभा: तीन तलाक विधेयक होगा पेश, NDA के पास 93 तो यूपीए के पास 112 सदस्‍य


राज्‍यसभा 2 बजे तक स्‍थगित
गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक प्रथा को खत्‍म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन तलाक विधेयक को आज (31 दिसंबर) राज्‍यसभा में पेश किया जाना है. इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है ताकि वे इस दौरान सदन में मौजूद रहें. वहीं सोमवार को राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष द्वारा विभिन्‍न मुद्दों पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्‍थगित किया गया है. वहीं राज्‍यसभा में उपसभापति हरिवंश ने कहा 'मैं सदन चलाना चाहता हूं.' इससे पहले सरकार की ओर से यह विधेयक लोकसभा में पेश किया जा चुका है, जहां इसे भारी हंगामे के बाद पास कर दिया गया था.


बीजेपी और कांग्रेस का व्हिप जारी
सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने व्हिप जारी करके अपने-अपने सदस्यों से सोमवार को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को कहा है. अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है. कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है.