सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, `आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाले तत्वों से दूर रहे युवा`
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त करने की कोशिश करने वाले तत्वों से राज्य के युवाओं को दूर रहने को कहा है। सेना प्रमुख ने युवाओं से शिक्षा के जरिए राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। राज्य के राजौरी जिला के छात्रों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान उनकी यह टिप्पणी आई। जनरल रावत 11 से 21 फरवरी के बीच राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा के तहत शहर में हैं।
नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त करने की कोशिश करने वाले तत्वों से राज्य के युवाओं को दूर रहने को कहा है। सेना प्रमुख ने युवाओं से शिक्षा के जरिए राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। राज्य के राजौरी जिला के छात्रों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान उनकी यह टिप्पणी आई। जनरल रावत 11 से 21 फरवरी के बीच राष्ट्रीय एकीकरण यात्रा के तहत शहर में हैं।
'देश की सेवा के लिए बड़ा होना होगा'
रावत ने कहा, ‘‘आपको (युवाओं को) देश की, अपने गांवों की सेवा करने के लिए बड़ा होना होगा। इसलिए जम्मू कश्मीर में किसी तरह की आतंकी हरकतों में संलिप्त रहने वाले तत्वों से दूर रहे। उनसे कहें कि ऐसी हरकतों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा।’’ गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है। हाल ही में जम्मू के सुंजवान में सेना के एक शिविर पर हमला हुआ था जिसमें छह जवान मारे गए थे।
7 महीने पहले भारत में दाखिल हुए थे सुंजवान आर्मी कैंप पर हमला करने वाले आतंकी : सैन्य सूत्र
थलसेना सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि जम्मू की सुंजवान आर्मी कैंप में हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीनों आतंकवादी पिछले साल जून में घुसपैठ कर भारत की सीमा में दाखिल हुए थे. थलसेना की शुरुआती जांच के मुताबिक, तीनों आतंकवादी पिछले सात महीने से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में छुप-छुपकर रह रहे थे और हमले को अंजाम देने की ताक में थे.
सूत्रों ने बताया कि हमले को अंजाम देने वाले जेईएम के आतंकवादी पिछले साल जून में उस वक्त पाकिस्तान से भारत आए थे जब घुसपैठ के मामलों में बढ़ोतरी हो गई थी. उन्होंने बताया कि सुंजवान हमले की विस्तृत जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट का परीक्षण थलसेना के शीर्षस्थ अधिकारी करेंगे.
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सूत्रों ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं जिससे ऐसे हमले दोबारा नहीं हों. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास थलसेना के स्थानीय कमांडरों को पूरी आजादी दी गई है ताकि वे पाकिस्तानी सेना की किसी हिंसक गतिविधि का प्रभावी तरीके से जवाब दे सकें.
(इनपुट - भाषा)