Bose could have avoided the partition: देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने शनिवार को कहा कि अगर बंटवारे के समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस होते तो भारत का विभाजन नहीं होता. डोभाल ने बताया कि पाकिस्तान (Pakistan) के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) ने कहा था कि वह केवल एक नेता को स्वीकार कर सकते हैं और वह सुभाष चंद्र बोस हैं. नेता जी का जिक्र करते हुए डोभाल ने कहा उनके दिमाग में यह विचार आया कि मैं आजादी के लिए लड़ूंगा लेकिन भीख नहीं मांगूंगा क्योंकि यह मेरा अधिकार है, अगर मैं भीख मांगता हूं तो यह सशर्त होगा. डोभाल का दावा है कि अगर सुभाष बोस जीवित होते तो भारत का विभाजन नहीं होता.


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बहुत हिम्मती नेता थे बोस


NSA डोभाव स्वीकार करते हैं कि उनका नेतृत्व बाकि नेताओं से एक अलग शैली का था. नेता जी ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत वास्तविकता था, है और रहेगा. डोभाल ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस के पास अन्य नेताओं से अलग एक चीज है, वह हिम्मत है, वह बहुत हिम्मती व्यक्ति थे और यह तब देखा जा सकता है जब वह प्रेसीडेंसी कॉलेज में थे. जब महात्मा गांधी देश में प्रमुख नेता थे तब उनके पास गांधी जी के फैसलों को चुनौती देने की हिम्मत थी. कांग्रेस से उनमें इस्तीफा देने की हिम्मत थी. उन्होंने अपना संघर्ष नए सिरे से शुरू किया और जेल गए.


नेती जी के वजह से भागे अंग्रेज: डोभाल


NSA ने आगे कहा कि इतिहास बोस के प्रति थोड़ा निर्दयी रहा है. हालांकि, पीएम मोदी वापस से इतिहास में उनके गौरव को लाने के लिए बहुत उत्सुक हैं. डोभाल ने आगे कहा कि जब पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली (Former British Prime Minister Clement Attlee) 1956 में भारत आए थे और कलकत्ता के तत्कालीन गवर्नर द्वारा पूछा गया था कि अंग्रेज 1947 में आजादी के लिए क्यों राजी हुए थे, जब खाली करने का कोई दबाव नहीं था, तो एटली ने कहा कि यह नेताजी की वजह से है. 


व्यवसायियों से NSA की अपील


आपको बता दें कि डोभाल एसोसिएशन ऑफ चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित व्याख्यान दे रहे थे जहां उन्होंने नेता जी के बारे में ये बातें बताई. डोभाल ने भारतीय व्यवसायियों से एक कुशल कार्यबल तैयार करने की अपील की. इसके साथ ही अपने कार्यबल को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए तकनीकी में नवाचार लाने पर जोर दिया.


(इनपुट: एजेंसी)