Sukhbir Singh Badal Punishment: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब ने बर्तन धोने की सजा सुनाई है. ये धार्मिक सजा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी देने और बेअदबी के मामले में सुनाई गई है. उन्हें गोल्डन टेंपल में 2 दिन सेवा करनी होगी. सजा सुनाए जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल मंगलवार को गले में पट्टिका लटकाए व्हीलचेयर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे और हाथ में बरछा लेकर गेट पर नजर आए. सजा के तहत उन्हें स्वर्ण मंदिर में सेवादार के रूप में काम करना होगा. उन्हें दरवाजे पर ड्यूटी करने के अलावा लंगर की सेवा भी करनी होगी.


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सुखबीर सिंह बादल के गले में तख्ती, हाथ में बरछा...


सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के पैर में अभी चोट लगी हुई है. इसी वजह से वह व्हीलचेयर पर बैठे हुए नजर आए. वह दो दिन के लिए गोल्डन टेंपल के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करेंगे. इस दौरान, सुखबीर सिंह बादल के गले में तख्ती दिखाई दी. यह अकाल तख्त की तरफ से पहनाई गई माफी की तख्ती है. इसके साथ ही उनके हाथ में बरछा भी दिखाई दे रहा है. उनकी सजा शुरू हो चुकी है और फिलहाल, वो सजा निभा रहे हैं. इस दौरान, सुखदेव सिंह ढींडसा भी सजा काटने के लिए पहुंचे. उनके गले में भी तख्ती और हाथ में बरछा दिखाई दिया.


सुनाई गई थी शौचालय और बर्तन साफ करने की सजा


यह कोई पहली बार नहीं है कि जब किसी सिख नेता को इस तरह से सजा सुनाई गई है, बल्कि, इससे पहले भी कई सिख नेताओं को सजा सुनाई जा चुकी है. सुखबीर सिंह बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा को भी गुरुद्वारे का शौचालय और बर्तन साफ करने की सजा सुनाई गई थी. लेकिन, सुखबीर बादल के पैर में चोट लगे होने और सुखदेव सिंह ढींडसा का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्हें सजा में छूट दी गई थी. लिहाजा, उन्हें व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की सजा सुनाई गई है.


सुखबीर सिंह बादल को क्यों सुनाई गई सजा


दरअसल, अकाल तख्त ने सत्ता में रहते हुए सुखबीर सिंह बादल के द्वारा की गई गलतियों का हवाला देकर उन्हें सजा सुनाई है. सुखबीर सिंह बादल को यह सजा इसलिए सुनाई गई, क्योंकि उन्होंने साल 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले लिया था. इसके अलावा, उन पर दूसरा आरोप है कि उन्होंने वोट बैंक के लिए अपने पंथ के साथ गद्दारी की थी.


सुखबीर सिंह बादल से जब सजा काटने के संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए परमात्मा का हुक्म है और मैं इसका पालन करूंगा. मैं इसका पालन करने में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतूंगा. अपनी सजा के तहत वह श्री दरबार साहिब में सेवादार की ड्यूटी करेंगे. इसके बाद वह दो दिन श्री केशगढ़ साहिब, फिर दो दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, दो दिन श्री मुक्तसर साहिब और दो दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में गले में तख्ती पहन और हाथ में बरछा लेकर सजा काटेंगे.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)