Sadhguru Jaggi Vasudev News : सदगुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के खिलाफ हैबियस कार्पस याचिका का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निपटारा किया. इस मामले में बाबा के आश्रम में रहने वाली 2 महिलाओं के पिता ने हाई कोर्ट (High Court) में अर्जी दायर कर यह आरोप लगाया था कि उन्हें ब्रेश वाश कर जबरन आश्रम में रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'हमने दोनों महिलाओं से बात की. दोनो महिलाएं अपनी मर्जी से, बिना किसी दबाव ले आश्रम में रह रही है'.


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केस डिसमिस


सर्वोच्च अदालत ने लड़कियों की इच्छा के मद्देनजर इस मामले को बंद कर दिया. जिन सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स पर करोड़ों फालोवर्स हैं. वो 'बाबाजी' फिलहाल गलत वजहों से सुर्खियों में हैं. उन पर ये आरोप है कि उन्होंने दो लड़कियों को जबरन संन्यासी बनने पर मजबूर किया और अपने केंद्र में कैद करके रखा है.


हाई कोर्ट में क्या हुआ था?


आपको बताते चलें कि ये मैटर हाई कोर्ट में गया तो उसने भी सद्गुरु से कई सवाल किए थे. पूरा मामला विस्तार से बताएं तो 42 साल और 39 साल की दो युवतियों के पिता एस. कामराज ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) में उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश करने की मांग वाली अर्जी दायर की थी. हालांकि दोनों बहनों ने अदालत में बयान दिया था कि वे अपनी इच्छा से ईशा फाउंडेशन में रह रही हैं. दोनों बहनों के बयान के बाद हालांकि सद्गुरु जग्गी वासुदेव को काफी राहत मिली. लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने कई तीखे सवाल पूछकर उन्हें कठघरे में जरूर खड़ा कर दिया था.


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कौन हैं जग्गी वासुदेव?


सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) का नाम भारत के चंद सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल हैं. फिलहाल वह अपने ईशा फाउंडेशन (Sadhguru Jaggi Vasudev isha foundation) के क्रिया कलापों को लेकर सुर्खियों में हैं.


(एजेंसी इनपुट)