Surat Railway Station Stampede: गुजरात के सूरत से एक दुखद खबर सामने आई है. त्योहार पर घर जाने वालों की भीड़ बेकाबू हुई तो भगदड़ मच गई. शनिवार सुबह सूरत रेलवे स्टेशन से भागलपुर जाने वाली ट्रेन में घुसने की कोशिश में भगदड़ में एक यात्री की मौत हो गई. एक महिला समेत दो अन्य लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई लोगों को जीआरपी ने सीपीआर भी दिया. त्योहार के चलते रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ देखी जा रही है.


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पुलिस ने बताया कि हादसे में मृत 36 साल के अंकित वीरेंद्र कुमार सिंह एक हीरे की फैक्ट्री में काम करते थे. जबकि घायलों में उनके 42 वर्षीय भाई रामप्रकाश वीरेंद्रकुमार सिंह और 30 वर्षीय महिला सुइजा सिंह हैं. दोनों भाई सूरत के लाल दरवाजा इलाके में रहते रहे थे. दोनों बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे. सुइजा सिंह सरोली में रहती हैं और उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जा रही थीं. SMIMER अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सुइजा और रामप्राश की हालत स्थिर है.


शनिवार की सुबह लगभग 5,000 से अधिक यात्रियों की भीड़ प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर ट्रेनों में चढ़ने के लिए इकट्ठा हुई. ये सभी लोग सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों में चढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे. जिसके चलते प्लेटफॉर्म पर भगदड़ मच गई. डिब्बों में घुसने की होड़ में लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे. भीड़ के चलते रेलवे का सारा इंतजाम फेल हो गया है.


सूत्रों ने कहा कि ट्रेन में 1,500 यात्री बैठ सकते हैं लेकिन इससे अधिक लोग एक-दूसरे को धक्का देकर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे. कुछ को टूटी खिड़कियों से भी अंदर घुसते देखा गया. भीड़ अधिक होने के कारण ट्रेन के स्लीपर कोच एस7 में भगदड़ जैसी घटना हुई. यात्रियों में से एक का संतुलन बिगड़ गया और वह गलियारे में गिर गया और डिब्बे में घुसने की कोशिश कर रहे अन्य लोगों ने उसे कुचल दिया. भीड़ अधिक होने के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत का भी सामना करना पड़ा. कुछ देर बाद पैसेज एरिया में गिरे व्यक्ति को उन लोगों के साथ प्लेटफॉर्म पर ले जाया गया जिनका दम घुट रहा था.


घटना की जानकारी होने पर आरपीएफ, जीआरपी और स्टेशन अधिकारी मौके पर पहुंचे. केंद्रीय रेल और कपड़ा राज्य मंत्री और सूरत शहर से भाजपा सांसद दर्शना जरदोश भी दोपहर में रेलवे स्टेशन पहुंचीं. यूपी, बिहार, ओडिशा और झारखंड के कई प्रवासी कामगार सूरत में कपड़ा और हीरा कारखानों में काम करते हैं. शुक्रवार से ही त्योहारी छुट्टियों पर लोगों की भीड़ अपने घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंच रही है.