PM Narendra Modi against Terrorism: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल जम्मू कश्मीर में होंगे. तो जम्मू-कश्मीर के विकास की एक और तस्वीर सारा देश देखेगा. सारी दुनिया देखेगी, पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर को विकास की नई परियोजनाओं की सौगात भी देने वाले हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू दौरे से पहले आतंकी साजिशें चरम पर हैं और इन आतंकी वारदातों का कनेक्शन सीमा पार पाकिस्तान में सियासी परिवर्तन से भी जुड़ रहा है. आंकड़े तो ये ही गवाही दे रहे हैं.


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शहबाज के आते ही बढ़ीं आतंकी घटनाएं


11 अप्रैल को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली और इसके बाद 13 दिनों के अंदर कश्मीर में आतंकी घटनाओं में तेजी आ गई. शहबाज के प्रधानमंत्री बनने के बाद से जम्मू कश्मीर में तीन बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं. 


- सुरक्षाबलों के साथ आतंकियों के पांच एनकाउंटर हुए हैं.


- इस दौरान सुरक्षाबलों ने 13 आतंकियों को ढेर कर दिया.


- लेकिन आतंकी हमले में 3 जवान भी शहीद हुए.  


- और दो नागरिकों की भी आतंकी हमले में मौत हो गई. 


आतंकवाद की फड़फड़ाती लौ


24 अप्रैल, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू—कश्मीर के दौरे पर जाएंगे. जम्मू—कश्मीर की आवाम पलक पांवड़े​ बिछाकर उस प्रधानमंत्री की अगवानी को तैयार है, जिसने धरती की जन्नत को आर्टिकल 370 जैसी जंजीर से मुक्त करवाया. लेकिन जम्मू कश्मीर के लिए हजारों करोड़ की सौगात लेकर पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले जम्मू कश्मीर दम तोड़ रहे आतंकवाद लौ बुझने से पहले फड़फड़ाती नजर आ रही है. 
हुईं ये बड़ी घटनाएं जम्मू कश्मीर के बारामूला और सुंजवां में दो बड़ी आतंकी वारदात हुई. वहीं शुक्रवार शाम नौगाम में आतंकियों ने दो मजदूरों को गोली मारकर जख्मी कर दिया. जम्मू-कश्मीर में ताबड़तोड़ आतंकी घटनाएं इस बात के संकेत हैं कि घाटी में आतंकी बुरी तरह बौखला हुए हैं. फिदायीन आतंकियों ने जम्मू—कश्मीर में बड़े धमाके की योजना बनाई है. जम्मू से लेकर कश्मीर तक अपनी मौजूदगी दिखाने की कोशिश की है. लेकिन हर बार हर जगह भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की कब्र तैयार कर दी.


क्या है आतंकी साजिशों का मकसद


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले इन आतंकी वारदातों को मकसद क्या है. क्या आतंकवादियों के आका अपने आकाओं के इशारे पर जम्मू कश्मीर में धमाके कर रहे हैं? क्या सीमा पार हुए सियासी बदलाव का भी जम्मू कश्मीर में हो रही हालिया आतंकी वारदातों से बड़ा रिश्ता है?  चलिए अब आंकड़ों और बयानों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले आतंकी साजिशों के मकसद को डिकोड करने की कोशिश करते हैं-  


1 कश्मीर में आतंक पाकिस्तान की पॉलिटिक्स की वो धुरी है, जिस पर कुर्सी पर बैठे हर चेहर की सियासत टिकी रहती है.  


2 कश्मीर कश्मीर का राग अलापते अलापते इमरान खान की कुर्सी चली गई. 


3 इसके बाद सत्ता में आए शहबाज शरीफ. पाकिस्तान में शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री के रूप में 11 अप्रैल, 2022 को शपथ ली थी और शपथ लेते ही पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में दिए बयान के जरिए शहबाज ने साबित कर दिया कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन पाकिस्तान की सियासत का राग ए कश्मीर नहीं बदल सकता.


4 इधर शहबाज शरीफ का कश्मीर पर बयान आया, उधर जम्मू—कश्मीर में आतंकी वारदातों की लाइन लग गई. नजर डालिए इन घटनाओं पर...


11 अप्रैल-  कुलगाम, अनंतनाग, बारामूला में आतंकी वारदात


13 अप्रैल-  कुलगाम और डोडा में हमला


14 अप्रैल-  शोपियां में आतंकी हमला


15 अप्रैल-  बारामूला और राजौरी में वारदात


16 अप्रैल-  अनंतनाग में आतंकी हमला


18 अप्रैल-  पुलवामा और कुपवाड़ा में वारदात


19 अप्रैल-  कुपवाड़ा में हथियार बरामद


21 अप्रैल-  बारामूला में हमला


22 अप्रैल- जम्मू के सुंजवां में हमला


आर्मी कैंप में घुस कर हमले की योजना


जम्मू के सुजवां में जिस जगह पर आतंकवादियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई वहां पर ZEE NEWS पहुंचा, फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है प्रधानमंत्री के दौरे से पहले आतंकवादियों ने बड़े हमले की योजना बनाई थी. आतंकियों की योजना आर्मी कैंप में घुस कर हमले करने की थी. इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी भारी गोला बारूद भी लेकर आए थे. लेकिन मुस्तैद सुरक्षाबलों ने इस हमले को नाकाम कर दिया.


पाक को पसंद नहीं अमन


बात दरअसल यह है कि जब-जब जम्मू कश्मीर अमन की राह पर आगे बढ़ता है तब-त​ब सीमा पार बैठे आतंकवादियों के आका तिलिमिला जाते हैं. चाहें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हों या फिर जिनके हाथ में उनका रिमोट कंट्रोल है, वो नवाज शरीफ हों. कश्मीर में अमन किसी को पसंद नहीं. सीमा पार बैठे आतंकी और उनके आका परेशान हैं, क्योंकि अब कश्मीर के युवाओं का आतंक से मोहभंग हो चुका है. लेकिन कई बार आतंकवाद फैलाने वाले कुछ युवकों का ब्रेनवॉश करने में कामयाब हो जाते हैं. जिसका अंजाम बहुत बुरा होता है. 


आतंकवाद को कश्मीरी कोस रहे हैं 


लेकिन सच्चाई ये ही है कश्मीर अब अमन की राह पर चलना चाहता है. जम्मू-कश्मीर के लोग आतंकवाद और उसको खाद पानी देने वालों को पानी पीकर कोस रहे हैं और नए भारत के साथ नए कश्मीर के निर्माण में अपना योगदान देने की तैयारी कर रहे हैं. वो नया जम्मू कश्मीर जिसका पानी और जिसकी जवानी दोनों अब सूबे की तरक्की के काम आएंगे. (पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी पहाड़ के काम नहीं आता यह कहावत तब की है जब आधुनिक तकनीक का इतना प्रसार नहीं हुआ था इंसान प्रकृति के सामने मजबूर था लेकिन अब वक्त बदल चुका है इस कहावत को आप सभी के सहयोग से हम बदलने में जुटे हैं जम्मू कश्मीर के पानी और यहां की जवानी दोनों इस धरती के काम लाने वाले हैं.)


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विकास के बुलडोज़र ने किया आतंक का नाश


साफ है एक तरफ पाकिस्तान की आतंकी साजिशें हैं, दूसरी तरफ आतंकवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास वाला बुलडोज़र. जो जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का समूल नाश करके ही रहेगा. जम्मू-कश्मीर में विकास वाले बुलडोज़र का कमाल भी दिख रहा है. भारतीय सुरक्षा बलों के आपरेशन आल आउट का असर भी नजर आ रहा है. ऐसे में पाकिस्तान चाहें जितने आतंकी भेज दे, उनका खात्मा तय है. (इनपुट: विशाल पांडे)


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