Indian Army: सेना के जवानों को अब निशाना नहीं बना सकेगी दुश्मन की गोली, ये है वजह
Indian Army gets new saftey shield: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकियों के साथ मुकाबले कर रहे सेना के जवानों को अब नया सुरक्षा कवच मिलने जा रहा है. इस खास कवच को आतंकियों की गोलियां भेद नहीं सकेंगी. दरअसल कश्मीर में आतंकवादी आर्मर पियर्सिंग बुलेट (Armour piercing bullets) का इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए ये फैसला हुआ.
Terrorists using armour piercing bullets in Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ एनकाउंटर में सेना के जवानों को ऐसी गोलियां मिली हैं जिससे जवानों के पास मौजूद बुलेट प्रूफ जैकेट (Bulletproof Jackets) को भेदा जा सकता है. दरअसल सेना के जवानों पर उन खास गोलियों से हमला हुआ है जो अमेरिका में बनाई जाती हैं. इन्हीं गोलियों से बचने के लिए सेना के जवानों (Soldiers) को अति आधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट के ऑर्डर दिए गए हैं.
तालिबान के पास हैं ऐसी गोलियां और हथियार
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकवादियों ने ऐसी गोलियों का इस्तेमाल किया जो हमारे सैनिकों द्वारा पहनी गई बुलेटप्रूफ जैकेट (Bulletproof Jackets) को भेदने में सक्षम थीं. इस बीच कश्मीर घाटी में मौजूद आतंकवादियों को हाईटेक मेड इन कनाडा नाइट साइट्स का इस्तेमाल करते हुए पाया गया है. बताया जा रहा है कि दुश्मनों को ठिकाने लगाने के काम आने वाला ये साजो सामान अमेरिकी सेना और नाटो (Nato) सैनिकों का वो बचा स्टॉक है जिसे वो अफगानिस्तान (Afghanistan) में छोड़ गए थे.
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जवानों को जल्द मिलेंगी लेवल 4 की बुलेटप्रूफ जैकेट
सेना के अधिकारियों के मुताबिक हमारे जवान अभी लेवल 3 के जैकेट का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हालिया खुलासे के बाद भारतीय सेना के जवानों को बहुत जल्दी लेवल 4 के जैकेट मिलने जा रहे हैं. जो आर्मर पियर्सिंग बुलेट के प्रहार को भी आसानी से झेल लेंगे. आतंकियों द्वारा इस तरह के घातक बुलेट और हथियारों के इस्तेमाल पर सेना कमांडर कांफ्रेंस की बैठक में चर्चा भी की गई है.
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क्या है आर्मर पियर्सिंग बुलेट?
आर्मर-पियर्सिंग बुलेट जिसे स्टील कोर बुलेट भी कहते हैं. हमले में इनका इस्तेमाल होने से बुलेट प्रूफ जैकेट से मिलने वाली सुरक्षा खत्म हो सकती है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सेना (US Army) ने अफगानिस्तान में करीब 7 से 8 अरब डॉलर के हथियार छोड़ गए हैं जिनमें हेलीकॉप्टर, बख्तरबंद गाड़ियां और कुछ कम्युनिकेशन उपकरण भी शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर तालिबान के हाथ लग चुके हैं और कुछ अन्य इस्लामिक आतंकियों के कब्जे में आए हैं. ये हथियार पाकिस्तानी आतंकी अब कश्मीर में भेजने लगे हैं. इन हथियारों में अमेरिकन एम 16 असॉल्ट राइफल (M-16 Assault Rifles) और एम 4 ए कार्बाइन (M-4A Carbines) कश्मीर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान बरामद किए गए हैं.
(इनपुट न्यूज़ एजेंसी ANI)
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