मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर (Palghar) में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने में मामले में (Sadhu Hatyakand) पकड़े गए 47 आरोपियों को जमानत मिल गई है. इन लोगों को ये जमानत ठाणे कोर्ट (Thane Court) से मिली है. इसके पहले भी ठाणे कोर्ट ने 53 लोगों को इसी मामले में जमानत दी थी. दरअसल, साधुओं के हत्या के मामले में पुलिस ने कुल 163 लोगों को पकड़ा था, जिसमें 12 आरोपियों की उम्र 18 साल से कम थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि पालघर के गड़चिंचले गांव में 16 अप्रैल की रात को हुई वारदात के वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. घटना के एक वीडियो में 65 वर्षीय महंत भीड़ से अपनी जान बचाने के लिए पुलिस का हाथ थामे चल रहे थे लेकिन पुलिसकर्मी ने इनका हाथ छुड़वाकर कथित रूप से उन्हें भीड़ को सौंप दिया. इसके बाद इस भीड़ ने जूना अखाड़े के दो साधुओं महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष), 65 वर्षीय महंत महाराज कल्पवृक्ष गिरी और 30 वर्षीय ड्राइवर निलेश तेलगडे की पीट-पीटकर हत्या कर दी.



ये भी पढ़ें:- Gold Price Today, 07 December 2020: आज का सोने का भाव: सोना हुआ महंगा, चांदी की कीमतों में गिरावट


संत अपने एक साथी के अंतिम संस्कार के लिए गुजरात के सूरत जाने के लिए किराए की गाड़ी में मुंबई के कांदिवली इलाके से रवाना हुए थे. बहरहाल संत समुदाय में आशंकाओं के कारण, इस मामले को सीबीआई या एनआईए जैसी एजेंसी को ट्रांसफर करने के लिए कुछ याचिकाएं भी दाखिल की गई हैं. 


महाराष्ट्र CID ने जांच के बाद किया ये खुलासा
इस मामले में महाराष्ट्र CID दहाणु कोर्ट में 11 हजार पन्नों की दो अलग चार्जशीट दाखिल की. सीआईडी ने अपनी जांच में दावा किया कि पालघर साधु हत्याकांड के पीछे कोई सांप्रदायिक कारण नहीं था बल्कि कुछ अफवाहों की वजह से ये घटना हुई. CID के मुताबिक इस इलाके में कई दिनों से ऐसी अफवाह थी कि कुछ लोग बच्चों को किडनैप कर उनके शरीर से किडनी जैसे ऑर्गन निकलने के लिए साधु, पुलिस या डॉक्टर के भेष में आ सकते हैं. सीआईडी के अनुसार इसी अफवाह के चलते स्थानीय लोगों ने उन संतों को किडनैपर समझकर जानलेवा हमला कर दिया. मामले में अब तक 165 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साधुओं की हत्या के मामले में 808 संदिग्धों से पूछताछ हुई.


LIVE TV