नई दिल्ली: भारतीय सेना के दिल्ली में मौजूद सभी ऑफिस अब एक ही छत के नीचे होंगे. उससे भी अच्छी बात ये है कि ये सभी ऑफिस उन जगहों के बेहद करीब होंगे, जहां दिल्ली में तैनात सैनिक और उनके परिवार रहते हैं. 39 एकड़ के नए थल सेना भवन में कुल 8 मंजिलें होंगी जिसमें 6000 से ज्यादा ऑफिसों के लिए जगह होगी. इस विशाल थल सेना भवन में 4000 गाड़ियों के लिए पार्किंग होगी और इसे उगते हुए सूर्य के पैटर्न पर बनाया जाएगा. अभी पूरे दिल्ली में सेना के 8 ऑफिस हैं जो कि कई जगहों पर बिखरे हुए हैं. इस नए भवन पर 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आएगी और इसके पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है.


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दिल्ली छावनी में बनने वाले इस थल सेना भवन का शुक्रवार को शिवरात्रि के दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भूमि पूजन किया. भारत सरकार के सेंट्रल विस्टा प्लान के तहत साउथ ब्लॉक को एक संग्रहालय में बदल दिया जाएगा इसलिए यहां मौजूद सेना के ऑफिस को दूसरी जगह ले जाना होगा. यहां सेनाध्यक्ष सहित सारे वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस हैं.


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सेना के ऑफिस साउथ ब्लॉक के अलावा सेना भवन, हटमेंट एरिया, आरके पुरम, शंकर विहार सहित 8 जगहों पर हैं. इन सबको अब नए थल सेनाभवन में ले जाया जाएगा. साउथ ब्लॉक से डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन, मिलिट्री सेक्रेटरी, एडजुटेंट ब्रांच, वार रूम जैसे महत्वपूर्ण ऑफिस भी थल सेनाध्यक्ष के ऑफिस के साथ नए भवन में आएंगे.


साउथ ब्लॉक के पास मौजूद सेना भवन को अब तीनों सेनाओं के साझा ऑफिस बनाया जाएगा. रक्षामंत्री ने नए थल सेना भवन का भूमि पूजन करते हुए कहा कि इस भवन के बनने से सरकारी तेल की बचत होने के साथ-साथ प्रदूषण में भी कमी होगी. इस भवन को ग्रीन बिल्डिंग के तौर पर बनाया जाएगा.