नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (NEP-2020) के तहत “21 वीं सदी में स्कूली शिक्षा” पर एक सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कहा कि ये नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है. पीएम मोदी ने कहा के कि नई शिक्षा नीति के पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है, लेकिन ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है. ये रही पीएम मोदी की नई शिक्षा नीति पर कही गईं बड़ी बातें 


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नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी की बड़ी बातें


1. पिछले तीन दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया, हर व्यवस्था बदल गई
2. इन तीन दशकों में हमारे जीवन का शायद ही कोई पक्ष हो जो पहले जैसा हो 
3. वो मार्ग, जिस पर चलते हुए समाज भविष्य की तरफ बढ़ता है, हमारी शिक्षा व्यवस्था, वो अब भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही थी, अब तो काम की असली शुरुआत हुई है
4. अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उतने ही प्रभावी तरीके से लागू करना है, और ये काम हम सब मिलकर करेंगे
5. मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के इस अभियान में हमारे प्रिंसिपल्स और शिक्षक पूरे उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं
6. कुछ दिन पहले देश भर के Teachers से MyGov पर उनके सुझाव मांगे थे, एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं  
7. ये सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद करेंगे
8. बच्चों में Mathematical Thinking और Scientific Temperament विकसित हो, ये बहुत आवश्यक है
9. Mathematical Thinking का मतलब केवल यही नहीं है कि बच्चे Mathematics के प्रॉब्लम ही सॉल्व करें. बल्कि ये सोचने का एक तरीका है
10.  राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ऐलान होने के बाद बहुत से लोगों के मन में कई सवाल आ रहे हैं, सवाल जायज भी हैं और जरूरी भी हैं
11. आज हम सभी एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं जो देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है 
12. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वी सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है.
13. कितने ही प्रोफेशन हैं जिनके लिए Deep Skills की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें महत्व ही नहीं देते
14. NEP को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि सैलेबस को कम किया जा सके और फंडामेंटल्स चीज़ों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके
15. हमें अपने छात्रों को 21वीं शताब्दी की क्षमताओं के साथ आगे बढ़ाना है