नई दिल्‍ली: आपात परिस्थितियों में जोखिम से कैसे निपटा जाए, इसका प्रशिक्षण इन दिनों सीमावर्ती देशों के सुरक्षाबल भारत की बार्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ)  से ले रहे हैं. हाल में एक्‍सचेंज प्रोग्राम के तहत म्‍यांमार पुलिस की 30 सदस्‍यीय टीम को आपात परिस्थितियों में जोखिमों से निपटने का प्रशिक्षण बीएसएफ द्वारा दिया गया है. म्‍यांमार पुलिस को दिया गया यह प्रशिक्षण 4 मार्च को शुरू होकर 17 मार्च को खत्‍म हुआ है. इससे पहले, बीएसएफ बांग्‍लादेश बार्डर गार्ड्स के जवानों को यह प्रशिक्षण दे चुका है. 


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एडवेंचर एण्‍ड एडवांस ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट के कमांडेंट मनोज पैन्‍यूली ने बताया कि  बीएसएफ का यह संस्थान अपने आप पर पहला स्पेशलाइज ट्रेनिंग इंस्‍सटीट्यूट है, जो बॉर्डर डोमिनेशन एरिया की भौगोलिक परिस्थितयों को ध्‍यान में रखते हुए टैक्टिकल ट्रेनिंग प्रदान करता है. प्रशिक्षण के दौरान आपातकालीन त्रासदी की परिस्थितियों में बचाव एवं राहत कार्यों के बाबत सुरक्षाबलों को पारांगत किया  जाता है. उन्‍होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षाबलों को इस बात की भी जानकारी दी जाती है कि हाई एट्यीट्यूट एरिया, लाइन ऑफ कंट्रोल की परिस्थितियों और रिवराइन एरिया में उत्‍पन्‍न आपात परिस्थितयों में रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को किस तरह चलाया जाए.



कमांडेंट मनोज पैन्‍यूली ने बताया कि 4 मार्च से 17 मार्च के बीच आयोजित 14 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में म्‍यांमार पुलिस के 30 जवानों को प्रशिक्षित किया गया है. इस प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न शैक्षिक प्रशिक्षण के पहलुओं को संज्ञान में रखते हुए म्‍यांमार पुलिस के जवानों को व्हाइट वॉटर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, रिवर क्रॉसिंग, रॉक क्लाइंबिंग, कॉन्फिडेंस बॉडी सर्फिंग आदि का प्रशिक्षण दिया गया है. इसके अलावा, म्‍यांमार पुलिस के जवानों को पर्यावरण तथा जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ रखने के संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं. 


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उन्‍होंने बताया कि बीएसएफ के विभिन्न मुख्यालयों एवं बटालियन के प्रशिक्षणार्थियों को देहरादून स्थित एडवेंचर एण्‍ड एडवांस ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट में एडवेंचर और रेस्‍क्‍यू से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. म्‍यांमार पुलिस की तरह 2018 में बांग्‍लादेश की सीमाओं में तैनात बांग्‍लादेश बार्डर गार्ड फोर्स के 20 जवानों को भी यह प्रशिक्षण दिया गया था.