नई दिल्ली: साइकिल की सवारी करना वैसे तो कई लोगों को पसंद है, लेकिन अगर कोई कहे कि आपको साइकिल से 15 हजार किलोमीटर की यात्रा करनी है, हो सकता है आपको ये भी आसान लगे. लेकिन इसके साथ एक और शर्त यह हो कि पूरे सफर के दौरान आपके सिर पर एक पानी की बोतल भी होनी चाहिए, चौंक गए ना! जी हां, जो बात आप सुनकर हैरान हो रहे हैं वह राजस्थान रिटायर्ड फौजी ने कर दिखाया है. आजाद सिंह ने पानी बचाने का संदेश देन के लिए ये अनोखा सफर  करने की ठानी है. 


पानी बचाने के लिए किया ये कारनामा


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हम सबने हमेशा से 'जल ही जीवन है', 'जल है तो कल है' जैसे स्लोगन सुने हैं. लेकिन इन स्लोगन का असर राजस्थान के एक रिटायर्ड फौजी आजाद सिंह पर इतना गहरा हुआ कि वह सिर पर बोलत रखकर प्रचंड गर्मी में साइकिल पर पूरे प्रदेश की यात्रा पर निकलने वाले हैं. 


यमुना की नजर दिलाने की मांग


ऐसी चिलचिलाती गर्मी में जब देश के कई क्षेत्र पानी के लिए तरस रहे हैं. कई क्षेत्रों में भूजल का स्तर भी बहुत नीचे जा चुका है. ऐसे में भूजल की फिजूलखर्ची को रोकने और वर्षा जल संरक्षण का संदेश देने के साथ ही झुंझुनूं को यमुना नहर का पानी दिलाने की मांग को लेकर रिटायर्ड फौजी आजाद सिंह राज्य की 15 हजार किमी लंबी साइकिल यात्रा पर निकलने की तैयारी कर रहे हैं. इन दिनों आजाद सिंह अपनी इस यात्रा की तैयारी में लगे हुए हैं.


क्या कहते हैं आजाद सिंह 


आजाद सिंह का कहना है कि शेखावटी, खासतौर पर झुंझुनूं में पानी किल्लत है. यहां का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है. अब पाताल तोड़ मशीनें आ चुकी हैं, जो काफी गहराई से पानी खींच लेती हैं. पानी की फिजूलखर्ची को रोकने और यमुना नहर का पानी उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर वह यह यात्रा शुरू कर रहे हैं. इस दौरान वह अपनी पूरी यात्रा में सिर पर बोतल रखे रहेंगे. 


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रोज कर रहे 25-30 किमी की यात्रा


इन दिनों आजाद हर दिन 25-30 किमी यात्रा करते हैं. आजाद सिंह ने ZEE NEWS से बातचीत में कहा कि आज यानी सोमवार से उन्होंने बड़ागांव से यात्रा शुरू की. उनके सिर पर पानी की बोतल थी और वे साइकिल चलाते हुए बजावा, शीथल और फिर हांसलसर पहुंचे. इस तरह से उन्होंने करीब 25 किमी की यात्रा पूरी की. बता दें कि आजाद इस यात्रा के बीच मिलने वाले ग्रामीणों को पानी की स्थिति के बारे जानकारी देते हैं साथ ही दुरुपयोग और बर्बादी रोकने की अपील भी करते हैं.


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