Tropic of Cancer: क्या दमोह से भी गुजरती है कर्क रेखा? ASI की पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा
Damoh news: ASI के एक्सपर्ट की ये टीम अलग अलग यंत्रों को लगाकर, ये जांचने और समझने की कोशिश कर रही है कि कर्क रेखा वाले दावे में कितनी सच्चाई है?
Tropic of Cancer: क्या कर्क रेखा मध्य प्रदेश के दमोह जिले से होकर गुजरती है? इस सवाल का जवाब बड़े बड़े शोधकर्ता और काबिल लोग तलाश रहे हैं. दरअसल एमपी के दमोह में इन दिनों भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम ने डेरा डाल रख है. इस इलाके को लेकर बड़ा
दावा किया गया है कि दमोह जिले से कर्क रेखा गुजरती है. इस दावे की पुष्टि के लिए ASI की टीम साजो सामान के साथ डटी है.
कर्क रेखा वाले दावे में कितनी सच्चाई?
ASI के एक्सपर्ट की ये टीम अलग अलग यंत्रों को लगाकर, ये जांचने और समझने की कोशिश कर रही है कि कर्क रेखा वाले दावे में कितनी सच्चाई है? ASI टीम ने बड़े ही शिद्धत के साथ कर्क रेखा के गुजरने के साक्ष्यों की तलाश की. और फिर जिले के दो स्थानों से कर्क रेखा के गुजरने की पुष्टि कर दी.
दमोह कलेक्टर की बात भी सुनिए
दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर के मुताबिक, 'इस बात के प्रमाण पाये गए थे कि कर्क रेखा यहां से गुजरती है. इसलिए इस संबंध में हमने ASI जो कि भारत सरकार की प्रमाणिक एजेंसी है, तब उनसे संपर्क किया तो तेन्दूखेड़ा क्षेत्र में ASI की टीम आई थी, और उन्होंने 2 जगह इसके लिए चिन्हित की थीं.
ASI की टीम ने पिंडरई और बगदरी गांव से कर्क रेखा निकलने की पुष्टी की है. जिसके बाद इन दो स्थानों को कर्क रेखा स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. और ये दमोह के लिए बड़ी सौगात हो सकती है. दरअसल, लंबे समय ये दावा किया जा रहा था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने सर्वे कराया और अब इस बात पर मुहर लग गई है बाद अब इन दोनों जगहों को कर्क रेखा प्वॉइंट के रूप में विकसित किया जाएगा.