नगालैंड में उग्रवादियों के हमले में असम राइफल्स के दो जवान शहीद
असम राइफल्स 40 रेजिमेंट के जवानों का काफिला नगालैंड के घने जंगलों से घिरे मोन जिले से गुजर रहा था. उसी समय एनएससीएन और उल्फा के उग्रवादियों ने एक साथ हमला बोल दिया.
गुवाहाटी: पूर्वोत्तर में तमाम दावों के बीच उग्रवादी फिर से सिर उठा रहे हैं. शनिवार को दोपहर करीब 1 बजे नागालैंड के मोन जिला के अंतर्गत असम राइफल्स 40 रेजिमेंट के जवानों के ऊपर उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया. इसके बाद दोनों ओर से करीब 1 घन्टे तक गोलीबारी हुई. इस दौरान असम राइफल्स के 2 जवान शहीद हो गए. सूत्रों के अनुसार असम राइफल्स 40 रेजिमेंट के सेक्टर 7 के जवान अपने काफिले से नगालैंड के घने जंगलों से घिरे मोन जिले से गुजर रहे थे, उसी समय एनएससीएन और उल्फा के उग्रवादियों ने एक साथ हमला बोल दिया.
असम राइफल्स के तरफ से आपरेशन जारी रखने की बात कही गई है. बता दें कि कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिला में अरुणाचल प्रदेश के 1 MLA के अलावा 11 लोगों को NSCN उग्रवादियों ने चलती कार में बेरहमी से गोलियों से भून दिया था. इसके बाद केंद्र की पहल से सेना ने NSCN के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश में आपरेशन शुरू कर दिया है. मृत जवानों की पहचान जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) नायक सूबेदार दीनानाथ राम और राइफलमैन कालीदास शर्मा के रूप में हुई है.सूत्रों के अनुसार घटना भारत-म्यामां सीमा पर सीमा स्तंभ संख्या 147 और 148 के पास घटी.
सूत्र बताते हैं कि सेना के आपरेशन से बौखलाए NSCN उग्रवादियों ने उल्फा स्वाधीन आतंकवादी संगठन के साथ नगालैंड में बदला लेने के इरादे और सेना के मनोबाल तोड़ने के लिए ये हमला बोला है. असम राइफल्स के हवाले से बताया गया है कि घात लगाए बैठे 10/ 12 उग्रवादियों के दल ने सड़क पर IED धमाका कर असम राइफल्स की गाड़ियों के काफिले रोका और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. दोनों गुटों के बीच घंटे भर चली जवाबी फायरिंग के बाद उग्रवादियों का दल घने जंगलों के बीच से भाग निकलने में कामयाब रहा.
सेना और नागालैंड पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. पूरे इलाके में उग्रवादियों की तलाश में सघन अभियान चलाया जा रहा है.