मुंबई: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के महाराष्ट्र (Maharashtra) का मुख्यमंत्री बनते ही शिवसेना (Shiv Sena) की दशकों पुरानी मन की मुराद पूरी हो गई है. आज उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री का कार्यभार भी संभाल लिया. 3 पहिए की सरकार को चलाना उद्धव के लिए बड़ी चुनौती है और वो भी तब जब महाराष्ट्र के सामने सूखा और किसानों की खुदकुशी जैसे बड़े मुद्दे हैं. जरा महाराष्ट्र की चुनौतियां समझिए. 
 
महाराष्ट्र में चार साल से सूखे की मार झेल रहा है. इस साल बेमौसम बारिश और सूखे से 95.43 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है. प्रदेश के 36 में से 30 जिले आपदा से प्रभावित है. फसल बर्बादी और सूखे से निपटने 10 हज़ार करोड़ रुपये की जरुरत है. महाराष्ट्र में किसानों की खुदकुशी बड़ा मुद्दा है, पिछले 6 सालों में 15 हजार से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इस साल अक्टूबर तक 1200 से अधिक किसान जान दे चुके हैं. 


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उद्धव सरकार के लिए राज्य के कर्ज़ और सहकारी संघों के खस्ते हाल से निपटना भी बड़ी चुनौती है: 
- यूपी के बाद महाराष्ट्र दूसरा बड़ा कर्ज़दार राज्य है.
-  महाराष्ट्र पर 4.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है.
-  महाराष्ट्र सरकर हर साल कर्ज़ पर 40 हज़ार करोड़ ब्याज चुकाती है.
-  सहकारी बैंकों का 38,342 करोड़ रुपये कर्ज फंसा हुआ है.
-  इसी साल PMC बैंक घोटाले में 4,355 करोड़ रुपए की धांधली सामने आई है.
-  राज्य में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, बेरोजगादरी दर 5.7% है. 
-  मुंबई-अहमदाबाद के बीच 1 लाख करोड़ का बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भी चुनौती है.
-  महाराष्ट्र सरकार को 5 हज़ार करोड़ रुपए देने हैं लेकिन भूमि अधिग्रहण का विरोध हो रहा है. 
-  50 हजार करोड़ रुपये की लागत से मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे तैयार किया जा रहा है. 


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ऐसे में केंद्र की एनडीए सरकार से बराबर सहयोग लेना उद्धव के लिए अग्निपथ है. हालांकि सरकार बनने के बाद शिवसेना के तेवर नरम दिख रहे हैं. आज सामना में पीएम मोदी को उद्धव ठाकरे का बड़ा भाई बताया गया है. सामना लिखा है कि 30 साल की दोस्ती भले टूटी हो लेकिन रिश्ता बरकरार है. महाराष्ट्र में उद्धव सरकार का आज बड़ा टेस्ट होगा. आज प्लोर टेस्ट में उद्धव सरकार बहुमत साबित करेगी. हालांकि इस बीच सरकार में उपमुख्यमंत्री कुर्सी को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के बीच खींचतान शुरू हो गई है.