लखनऊ: भारत में सड़क पर चलना कोरोना के संक्रमण से भी ज्यादा खतरनाक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले साल कोरोना से करीब 1.49 लाख लोगों की मौत हुई थी, जबकि देश में हर साल सड़क हादसों (Road Accident) से 1.50 लाख से ज्यादा लोगों की जान जाती है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी माना है कि आंकड़े चिंताजनक हैं. आपको बता दें कि देश में रोजाना सड़क हादसों में करीब 415 लोगों की जान जाती है.


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आबादी के लिहाज से देश में अव्वल उत्तर प्रदेश भी इस खतरे से अछूता नहीं है. ऐसे में यूपी पुलिस (UP Police) भी लोगों को समय-समय पर 'जान है तो जहान है' जैसे मंत्र देते हुए, रोड सेफ्टी नियमों के बारे में जागरूक कर रही है.


'चालान से नहीं, यमराज से डरिये'


इस बीच यूपी पुलिस का ट्रैफिक सेफ्टी (Traffic Safety) यानी जनजागरण से जुड़ा हालिया ट्वीट भी वायरल हो रहा है जिसे आप भी देखिए. 



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दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्तमान दशक यानी साल 2030 तक सड़क हादसों में मरने और घायल होने वालों की तादाद घटाकर आधी करने का लक्ष्य रखा है. वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का कहना है कि भारत सरकार उससे 5 साल पहले यानी 2025 तक ही इस लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में ठोस पहल कर रही है.


'सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिये' ये स्लोगन आपने टीवी पर सैकड़ों बार सुना होगा. ऐसे में सड़क हादसों की संख्या में लगाम लगाने के लिए हम सभी लोगों को भी एहतियात बरतने की जरूरत है ताकि रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों का आंकड़ा भी कम किया जा सके.


सड़कों पर लाशों का अम्बार


भारत के आज तक के युद्धों में जितने सैनिक शहीद नहीं हुए, उससे ज्यादा लोग सड़कों पर दुर्घटना में एक साल में मारे जाते हैं. इन आंकड़ों से परेशान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को यहां तक कहना पड़ा कि देश में इतने लोग सीमा पर या आतंकी हमले में नहीं मरते जितने सडकों पर गड्ढों की वजह से मर जाते हैं. पिछले एक दशक में ही भारत में लगभग 14 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं. 


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