नई दिल्ली: विधान सभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) नई जनसंख्या नीति (New Population Policy) लाने की तैयारी पूरी कर चुकी है. इस वक्त ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा, जिसे अगस्त के दूसरे सप्ताह में पेश किए जाने की उम्मीद है.


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इस प्रस्तावित कानून के तहत दो से अधिक बच्चों के पिता को किसी भी सरकारी सब्सिडी या किसी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति किसी सरकारी नौकरी के लिए भी आवेदन नहीं कर पाएंगे. साथ ही नए मसौदे में ये भी कहा गया है कि ऐसे लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव में भी लड़ने की मनाही होगी. इस पॉलिसी को लेकर राज्य विधि आयोग ने 19 जुलाई तक आम जनता से राय मांगी है. ऐसी चर्चा है कि ये कानून आगामी विधान सभा चुनाव की दिशा पलट सकता है.


जनसंख्या पॉलिसी की खास बातें


यूपी विधि आयोग के चेयरमैन आदित्यनाथ मित्तल ने बताया कि जो कोई भी कानून के लागू होने के बाद दो बच्चे के नियम का उल्लंघन करता है, उसे सरकार द्वारा प्रायोजित सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा, वह स्थानीय निकायों के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता, राज्य सरकार के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए योग्य नहीं होगा. ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में प्रमोशन भी नहीं मिलेगी. ड्राफ्ट में आगे कहा गया है कि उसका राशन कार्ड चार सदस्यों तक सीमित होगा और वो किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी भी नहीं ले सकेगा.


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'टोपी से टाई की तरफ लाना चाहती है सरकार'


यूपी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raza) ने कहा कि, 'राज्य में जनसंख्या पॉलिसी बहुत जरूरी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुसलमानों को टोपी से टाई की तरफ ले जाना चाहती है. हमारी सरकार ने इस विषय पर जनता से भी राय मांगी है.' इसके बाद ही हम इस कानून को लाएंगे. वहीं, विपक्ष के रवैये पर मोहसिन रजा ने कहा कि, 'विपक्ष नहीं चाहता कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बने. इसी मकसद से ओवैसी बहराइच आ रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि पहले हैदराबाद और तेलंगाना को संभालें, और तुष्टिकरण की राजनीति करना बंद करें.'


'कुल लोग 2-3 शादी किए बिना नहीं मानते'


सीएम योगी के जनसंख्या को लेकर जागरूकता फैलाने का संत समाज ने स्वागत किया है. साथ ही ये भी कहा है कि एक धर्म को शिक्षित करने की ज्यादा जरूरत है. साध्वी गितांबा तीर्थ ने भी कहा कि सरकार का ये सराहनीय कदम है. लेकिन देश में एक कॉम ऐसी है जो 2-3 शादी करती है. नहीं मानती है, और कई बच्चे पैदा करती है. इसलिए बिना उनको शिक्षित किए ऐसा करना संभव नहीं है.


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'मैं कानून का समर्थन करता हूं लेकिन...'


ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून सही है. सब चाहते हैं कि जनसंख्या पर नियंत्रण हो, लेकिन खासतौर से किसी मजहब को टारगेट करके अगर यह कानून बनाया जा रहा है तो यह गलत है. यह आज का नारा नहीं है. यह जब से होश संभाला है तब से सुन रहे हैं कि हम दो और हमारे दो. लेकिन इस पर 
अमल इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि प्रेक्टिकली ऐसा मुमकिन नहीं है. ऐसा नहीं है कि किसी के यहां दो या चार बच्चे नहीं, सिर्फ मुसलमानों के ही ज्यादा बच्चे हैं. अगर खाली मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है तो यह गलत है मैं इसका विरोध करता हूं.


'भाजपा को सदन में बातचीत करनी चाहिए'


वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत सिंह का कहना है कि, 'प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण की बात हो, अपराध नियंत्रण की बात हो, कोरोनावायरस नियंत्रण की बात हो, यह सब मुद्दे हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सदन में बात करनी चाहिए. सब के विचार विमर्श से बात करनी चाहिए, ना की हेडलाइन बनाना चाहिए.


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