गरीब तबके के लिए यूपी शिया वक्फ बोर्ड ने किया ऐसा ऐलान, खुशी से आंखों में आ जाएंगे आंसू
Shia Waqf Board Work: बोर्ड की एक कमेटी मकान बनवाएगी, जिसकी कीमत आबंटी को तय किस्तों में जमा करनी होगी. बोर्ड इस मुहैया कराई गई जमीन के किराए और मकान के रखरखाव के लिए मामूली रकम वसूलेगा. इस योजना की योग्यता की शर्तें पीएम आवास योजना के नियम-कायदों से मिलती-जुलती होंगी.
Muslim Population in UP: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड जल्द ही बड़ा कदम उठाने जा रहा है. वह अपनी मुक्त कराई गई और खाली पड़ी बाकी जमीन पर शिया समुदाय के कमजोर वर्गों के लिए हाउसिंग स्कीम शुरू करेगा. बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने सोमवार को अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर कहा, वक्फ बोर्ड शिया समुदाय के कमजोर वर्ग के लिए जल्द ही हाउसिंग स्कीम शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि इसके तहत बोर्ड चुने गए लोगों को 350 वर्ग फुट का मकान बनवाने के लिए जमीन देगा. ये वो जमीन होगी, जो खाली पड़ी है या उसको मुक्त कराया गया है.
क्या है वक्त बोर्ड का प्लान
जैदी ने बताया कि बोर्ड की एक कमेटी मकान बनवाएगी, जिसकी कीमत आबंटी को तय किस्तों में जमा करनी होगी. बोर्ड इस मुहैया कराई गई जमीन के किराए और मकान के रखरखाव के लिए मामूली रकम वसूलेगा. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि इस योजना की योग्यता की शर्तें पीएम आवास योजना के नियम-कायदों से मिलती-जुलती होंगी. योग्य लोगों का का चयन लॉटरी से किया जाएगा. जैदी ने बताया कि बोर्ड ने निम्न-मध्यम वर्ग के उन लोगों को आवास उपलब्ध कराने का टारगेट तय किया है जो कहीं किराए पर रह रहे हैं और अभी तक अपना मकान नहीं बनवा पाए हैं.
उन्होंने कहा कि इस योजना से उन जमीनों पर निर्माण हो जाएगा जिन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों को मकान भी मिलेंगे और वक्फ बोर्ड की आमदनी भी बढ़ जाएगी. उन्होंने बताया कि इस योजना की शुरुआत लखनऊ के इमदाद हुसैन कर्बला से की जा रही है. शुरू में इस योजना के लिए लखनऊ, अमरोहा, जौनपुर, बिजनौर और मुजफ्फरनगर को चुना गया है, जहां शिया तबके की बड़ी आबादी रहती है और जहां काफी संख्या में शिया वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं. जैदी ने बताया कि इसके अलावा बोर्ड व्यवसायिक क्षेत्रों में जमीन के टुकड़े आवंटित करने की भी योजना बना रहा है.
'शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियां सॉफ्ट टारगेट'
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि वक्फ की संपत्तियां भूमाफियाओं के लिए सबसे 'सॉफ्ट टारगेट' होती हैं. प्रयागराज के गुलाम हैदर इमामबाड़े की वक्त संपत्ति को माफिया अतीक अहमद ने अवैध तरीके से मुतवल्ली से सांठगांठ करके तोड़वाकर कॉम्प्लेक्स बनवा लिया था. इसके अलावा लखनऊ में सआदतगंज स्थित वक्फ दरोगा मीर अली की संपत्ति पर माफिया मुख्तार अंसारी ने कब्जा कर अपनी पत्नी अफशां अंसारी के नाम से ‘प्लॉटिंग’ शुरू कर दी थी. इन दोनों मामलों की शिकायत मिलने पर अवैध निर्माण को तुड़वाकर सीबीआई जांच कराई गई है.
बोर्ड अध्यक्ष ने दावा किया कि अपने पिछले एक साल के कार्यकाल में उन्होंने शिया वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे खत्म कराए हैं और अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि बोर्ड की सालाना आमदनी को 37 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ 47 लाख रुपये किया गया है और बोर्ड के कर्मचारियों को अब प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है.
(एजेंसी-पीटीआई)