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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 16 लाख कर्मचारियों को इस साल महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने योगी सरकार के राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की नई किस्तों का भुगतान नहीं करने के फैसले को मंजूरी दे दी है. डीए और डीआर की तीन किस्तों का भुगतान सरकार नहीं करेगी. अब सीधे एक जुलाई 2021 से नई किस्तों का भुगतान होगा. राज्य सरकार के इस फैसले से करीब 10 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी.
फैसले से 16 लाख से ज्यादा ज्यादा कर्मचारी होंगे प्रभावित
योगी सरकार के इस फैसले के बाद राज्य सरकार के 16 लाख से ज्यादा कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल की तरफ से जारी शासनादेश में लिखा है कि कोविड-19 से उत्पन्न संकट को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. राजस्व में भारी कमी और कोविड-19 के रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन की जरूरत है. राज्य सरकार के इस फैसले से करीब 11.82 लाख पेंशनधारक भी प्रभावित होंगे.
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राज्य सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
यूपी सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र का कहना है राष्ट्रीय आपदा में कर्मचारी आर्थिक सहयोग प्रदान करने में पीछे नहीं हैं. महंगाई भत्ते की फ्रीजिंग पर उसे अधिक आपत्ति नहीं थी किंतु 6 भत्तों को मार्च, 2021 तक स्थगित करने से कर्मचारी जगत में काफी नाराजगी है. वित्त विभाग के अधिकारी सरकार और कर्मचारी संगठनों को आमने-सामने करने से बाज नहीं आ रहे हैं. भत्तों के स्थगन संबंधी आदेश को वापस लेने पर सरकार को विचार करना चाहिए.
ये भत्ते हुए बंद
नगर प्रतिकर सहित आधा दर्जन भत्तों को भी एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है. यूपी सरकार ने महंगाई भत्ते पर भी रोक लगा दी है. अब कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए भी नहीं मिलेगा. एक जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए बंद रहेगा. इसके अलावा सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता भी बंद कर दिया गया है.